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क्या इस श्राप के वजह से शुरू हुई थी लालू यादव की बर्बादी? जानें किस बाबा ने कहा था ‘मिट्टी में मिल जाओगे’

India News (इंडिया न्यूज), Lalu Prasad Yadav: भारत में कई सारे बाबा हुए है। जिनकी मृत्यु होने के बाद ही इनके कई सारे अनुयाई है, जो इनकी कही हुई बातों को लोगों तक पहुंचाते हैं। ऐसे ही एक बाबा है मिर्जापुर के अघोरी बाबा जिनका आशिवार्द लेने दूर-दूर से लोग आते थे। अपने अनोखे स्वभाव के लिए मशहूर अघोरी बाबा कई बड़े नेताओं के गुरु हुआ करते थे।

2017 में उनका निधन हो गया

कई फेमस नेता भी चुनाव के समय इनका आशीर्वाद लेने आते थे जिससे इनकी चुनावी नैया पार हो सके। अप्रैल 2017 में उनका निधन हो गया था। उनके शिष्यों में बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव का नाम भी शामिल हैं। अपने व्यवहार के कारण अघोरी बाबा को पगला बाबा के नाम से भी जाने जाते थे। अघोरी बाबा ने एक बार लालू यादव को श्राप भी दे दिया है।

क्यों दिया लालू को श्राप

जानिए इसके पीछे की कहानी दरअसल, चुनाव से पहले एक बार लालू यादव पटना से मिर्जापुर पगला बाबा का आशीर्वाद लेने आए थे। बाबा ने उनसे कहा था कि चुनाव जीतने के बाद आश्रम में आकर ध्यान लगाएं, लेकिन लालू यादव ने ऐसा नहीं किया। कई सालों बाद जब लालू यादव चारा घोटाले में फंसे तो अपनी समस्याओं के समाधान के लिए पगला बाबा के पास दुबारा पहुंचे। उन्हें देखते ही बाबा नाराज हो गए और श्राप दे दिया कि ‘लालू तुम्हें घमंड है कि तुम महान पथप्रदर्शक हो। तुम धूल में मिल जाओगे।’

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पगला बाबा ने बचाई थी लालू की जान

एक इंटरव्यू में लालू यादव ने बताया था कि बचपन में वे काफी बीमार हो गए थे। उनके माता-पिता ने उनके बचने की उम्मीद छोड़ दी थी। तब पगला बाबा ने आशीर्वाद देकर उनकी जान बचाई थी। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले लालू यादव तुलसी तलैया आश्रम आए थे। तब उन्होंने पगला बाबा से तंत्र साधना करवाई थी। कहा जाता है कि पगला बाबा अपने भक्तों को डंडा मारकर आशीर्वाद देते थे। उनसे मिलने के लिए लोग घंटों आश्रम के बाहर लाइन में खड़े रहते थे। बाबा को जानवरों से बहुत प्यार था। उन्होंने भेड़ और कुत्ते पाल रखे थे। वे अपने पालतू जानवरों के लिए खुद ही खाना बनाते थे।

आश्रम में सैकड़ों भक्त जमा होते थे

कहा जाता है कि पगला बाबा ने इसलिए बदतमीजी से व्यवहार किया करते थे ताकि उनके आश्रम में ज्यादा लोग इकट्ठा न हो जाएं। आश्रम में ज्यादा लोगों के आने से उनकी साधना में विघ्न पड़ता था। अघोरी बाबा मुंह पर ही बात कह देते थे, चाहे सामने वाले को पसंद आए या नहीं। उनकी मौत के बाद तुलसी तलैया आश्रम में सैकड़ों भक्त जमा हो गए थे। कई बड़े राजनेताओं ने भी शोक जताया था।

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Ankita Pandey

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