India News (इंडिया न्यूज), Population Of India: देश के आजादी मिले 75 साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। साल 1947 में देश को अंग्रेजों से आजादी मिली थी, जिसके बाद देश ने तेजी से तरक्की की है। देश के तरक्की के साथ-साथ इसकी आबादी में काफी तेजी से बढी है। देश जब आजाद हुआ था तो इसकी जनसंख्या करीब 36 करोड़ थी जो अब 1 अरब के पार हो गई है। आजादी के वक्त देश में हिंदुओं की आबादी 30 करोड़ तो वहीं मुसलमानों की आबादी 3.5 करोड़ थी।
नई रिपोर्ट में बड़ा दाव
इसी साल आए प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के एक अध्ययन से पता चला है कि भारत में 65 वर्ष से अधिक आयु के हिंदुओं की आबादी घटी है। 1950 से 2015 के बीच देश में बहुसंख्यक धर्म हिंदुओं की आबादी में 7.8 फीसदी की कमी आई है। अध्ययन के मुताबिक भारत में हिंदुओं की आबादी घटी है। जबकि मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध और सिख समेत अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी बढ़ी है।
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बढ़ गई मुस्लिमों की जनसंख्या
हालांकि इस दौरान जैन और पारसी लोगों की संख्या में कमी आई है। 1950 से 2015 के बीच भारत में मुस्लिम आबादी में 43.15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। ईसाइयों में 5.38 फीसदी, सिखों में 6.58 फीसदी और बौद्धों में मामूली बढ़ोतरी हुई है। आजादी के वक्त देश में 9.84 फीसदी मुस्लिम थे, अब 14.09 फीसदी हो गए. भारत में मुसलमानों की आबादी में तेजी से हो रही बढ़ोतरी हुई है.
हिन्हुओं की इतनी आबादी
वहीं 1950 से 2015 के बीच देश में बहुसंख्यक धर्म हिंदुओं की जनसंख्या में 7.8% की कमी आई है। हालांकि इस दौरान जैन और पारसियों की संख्या में कमी आई है। 1950 से 2015 के बीच भारत में मुस्लिम आबादी 43.15 फीसदी बढ़ी है। ईसाइयों में 5.38 फीसदी, सिखों में 6.58 फीसदी और बौद्धों में मामूली बढ़ोतरी हुई है। पहले 9.84 फीसदी मुसलमान थे, अब 14.09 फीसदी हो गए हैं। अध्ययन के मुताबिक 1950 में भारत की आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी 84 फीसदी थी। 2015 तक यह घटकर 78 फीसदी हो गई है। इसी दौरान मुसलमानों की हिस्सेदारी 9.84 फीसदी से बढ़कर 14.09 फीसदी हो गई है।
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