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सविधान दिवस: जानें भारत में क्यों मनाया जाता है सविधान दिवस, सविधान से जुडी 10 महत्वपूर्ण बातें पढ़े

Divyanshi Bhadauria • LAST UPDATED : November 26, 2022, 12:43 pm IST

(इंडिया न्यूज़, Know why Constitution Day is celebrated in India): विश्व भर में 26 नवंबर को सविधान दिवस मनाया जाता है। संवैधानिक  महत्व को लोगों में प्रमोट करने के लिए सोशल जस्टिस और एम्पावरमेंट मंत्रालय ने सविधान दिवस को सेलिब्रेट करने का फैसला लिया था।  देश में हर साल 26 नवंबर को सविधान दिवस मनाया जाता है। इतना ही नहीं सावधान दिवस को अन्य नाम से भी जाना जाता है जैसे राष्ट्रीय कानून दिवस और भारतीय सविधान दिवस आदि।

चलिए आपको इस लेख के जरिए बताते है प्रस्तावना से लेकर इसे लिखे जाने और ये कब लागू हुआ।

बता दें, देश में सविधान को विधवत रूप से 26 नवंबर 1949 स्वीकार किया गया था। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को लागू कर दिया गया था।  इस वजह से 26 नवंबर को सविधान दिवस मनाया जाता है।

आखिर क्यों मनाया जाता है सविधान दिवस

जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि संवैधानिक  महत्व को बढ़ावा देने के लिए। इतना ही नहीं, 19 नवंबर 2015 में मांग उठी थी कि, 26 नवंबर के दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाया। इसी के साथ लोगों में संवैधानिक मूल्यों की जानकारी देश के हर नागरिक को हो, इसी कारण से इस दिन सविधान दिवस मनाया जाता है।

इसके साथ ही इस दिन हमारे स्कूल और कॉलेजों में भारत के संविधान की प्रस्तावना को पढ़ाया जाता है। इसके साथ ही भारत के संविधान की विशेषता और महत्व पर भी चर्चा इत्यादि होती है।

आइए जानते है सविधान से जुडी महत्वपूर्ण बातें जो आपको पता होनी चाहिए।

  1. बता दें, सोशल जस्टिस और एम्पावरमेंट मंत्रालय ने साल 2015 में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया था। इसके साथ ही ये दिन और भी खास  यह खास है, क्योंकि इसी साल संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की 125वीं जयंती मनाई जा रही थी।
  2. जैसा कि आप सभी जानते हैं, भारतीय संविधान को विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान माना जाता है। इतना ही नहीं इसमें कई देशों के संविधान को अपनाया गया है, इसलिए इसे ‘Bag of Borrowings’ भी कहा जाता है।  इसके कई हिस्से यूके, अमेरिका , जर्मनी, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान के संविधान से लिए गए हैं।
  3. भारतीय संविधान में नागरिकों के मौलिक अधिकार, कर्तव्य, सरकार की भूमिका, पीएम, राष्ट्रपति, गवर्नर, और सीएम की शक्तियों का भी जिक्र किया गया है।
  4. क्या आपको पता है? संविधान की मूल प्रतियां टाइप या प्रिंटेड नहीं थी। इसे प्रेम नारायण रायजादा ने हाथ से लिखी थी।  संविधान को कैलीग्राफी में इटैलिक अक्षरों में लिखा गया है।
  5. बता दें , डॉ. भीमराव आंबेडकर को भारतीय संविधान का निर्माता कहा जाता है। भारत के पहले कानून मंत्री डॉ. आंबेडकर संविधान समिति के अध्यक्ष भी थे।
  6. भारतीय संविधान की मूल संरचना भारत सरकार अधिनियम, 1935 पर आधारित है।
  7. बता दें, संविधान की असली कॉपी हिंदी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में लिखी गई थी। 24 जनवरी,1950 को हुए संविधान सभा में 284 सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर किए थे।  इसमें 15 महिलाएं शामिल थीं.

 

 

 

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