India News (इंडिया न्यूज़), Rafale For Navy, दिल्ली: भारत और फ्रांस जल्द ही भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल विमानों और तीन स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों के सौदे पर बातचीत शुरू करेंगे। यह सफाई इसलिए आई क्योंकि राफेल डील का फैसला पिछले सप्ताह पीएम मोदी के पेरिस यात्रा के दौरान भारत-फ्रांस के संयुक्त बयान का हिस्सा नहीं था। राफेल खरीदने के फैसले को रक्षा मंत्रालय की रक्षा अधिग्रहण समिति द्वारा मंजूरी दे दी गई थी।

  • 25 साल का रोडमैप बताया
  • 2047 तक का प्लान
  • अभी होगी बातचीत

सूत्रों का कहना है कि राफेल डील को बयान में शामिल नहीं किया गया क्योंकि यह 25 साल का रोडमैप है। इसलिए इसे बयान में दर्ज करने की जरूरत नहीं समझी गई। सूत्रों ने कहा, “भारत राफेल और स्कॉर्पीन चाहता है। लेकिन अब बातचीत होगी। अनुबंध पर हस्ताक्षर करने से पहले चर्चा होगी।

बयान का हिस्सा नहीं था

सूत्रों ने कहा कि स्कॉर्पीन सौदे पर अभी मुहर नहीं लगी है। अनुबंध वार्ता और औद्योगिक व्यवस्था पर काम करने की जरूरत है। शुक्रवार को पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन की बातचीत के बाद दिए गए संयुक्त बयान में राफेल जेट और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों लेने का कोई जिक्र नहीं था।

राफेल का चयन किया गया

पीएम मोदी के पेरिस पहुंचने से पहले रक्षा खरीद बोर्ड ने दोनों सौदों के लिए प्रारंभिक मंजूरी की घोषणा की थी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी उनके बारे में ट्वीट किया था। डसॉल्ट एविएशन ने भी एक बयान जारी कर कहा कि भारत सरकार ने नौसेना के लिए लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए नेवी राफेल का चयन किया है।

2047 तक का प्लान

बातचीत के बाद ब्रीफिंग के दौरान विदेश सचिव विनय क्वात्रा से स्पष्टीकरण मांगा गया। उन्होंने कहा कि 2047 होराइज़न दस्तावेज़ सुरक्षा और संप्रभुता को व्यक्तिगत लेनदेन के एक सेट के बजाय अधिक समग्र और व्यापक तरीके से देखता है। विदेश सचिव ने कहा, “इसका कारण यह है कि रक्षा साझेदारी के मेट्रिक्स एकल अधिग्रहण या गैर-अधिग्रहण, एकल खरीद या एकल लेनदेन द्वारा परिभाषित नहीं होते हैं।”

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