इंडिया न्यूज:
कहते हैं हर साल जब किसी हिस्से में चक्रवात तूफान आता है तो उसके नाम की चचार्एं जोरों शोरों से होने लगती हैं। कई लोगों के मन में तूफान के नाम को लेकर कई सारे सवाल उठने लगते हैं। लोग सोचते हैं कि तूफान का नामकरण क्यों और कैसे किया जाता है। चक्रवाती तूफान असानी के नामकरण की भी एक वजह है। ‘असानी’ नाम श्रीलंका ने दिया है जो ‘क्रोध’ या गुस्से के लिए यूज होता है। आइए आज लेख के जरिए जानते हैं हर वर्ष आने वाले तूफानों का कैसे रखा जाता है नाम और इसके पीछे की क्या वजह है।
संयुक्त राष्ट्र के तहत एक एजेंसी विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) अनुसार किसी विशेष भौगोलिक स्थान या दुनियाभर में एक समय में एक से अधिक चक्रवात हो सकते हैं और ये एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक जारी रह सकते हैं। इसलिए भ्रम से बचने, आपदा जोखिम संबंधी जागरूकता, प्रबंधन और राहत कार्य में मदद के लिए प्रत्येक उष्णकटिबंधीय तूफान को एक नाम दिया जाता है।
बता दें मौसम विज्ञानियों की ओर से अधिक संगठित और कुशल प्रणाली के तहत तूफानों को एक सूची से नाम देने का निर्णय लिया गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग छह क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्रों में से एक है, जिसे किसी चक्रवात का नाम देने का काम सौंपा गया है। जब उत्तरी हिंद महासागर के ऊपर हवा की गति 62 किमी प्रति घंटे की अधिकतम सीमा से तेज हो जाती है, तब इसे तूफान/चक्रवात/ के रूप में वगीर्कृत किया जाता है।
वणार्नुक्रम अनुसार व्यवस्थित देशों की ओर से दिए गए नामों की सूची तैयार की जाती है। यह लिंग, राजनीति, धार्मिक विश्वासों और संस्कृतियों से तटस्थ होते हैं। एक बार किसी नाम का प्रयोग हो जाने के बाद उसे दोबारा नहीं दोहराया जाता। चक्रवात के नाम में अधिकतम आठ अक्षर हो सकते हैं। कोई भी नाम किसी भी सदस्य देश के लिए अपमानजनक नहीं होना चाहिए या जनसंख्या के किसी भी समूह की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए।
चक्रवातों का नाम विश्व मौसम विभाग/संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग एशिया व प्रशांत (डब्ल्यूएमओ/ईएससीएपी) पैनल आॅन ट्रॉपिकल साइक्लोन (पीटीसी) की ओर से दिया जाता है। इस पैनल में 13 देश हैं। इनमें भारत, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, पाकिस्तान, मालदीव, ओमान, श्रीलंका, थाईलैंड, ईरान, कतर, सउदी अरब, यूएई और यमन शामिल हैं। ये देश तूफान के नामकरण का सुझाव देते हैं। वहीं भारत की ओर से दिए गए तूफानों के नामों में गति, तेज, मुरासु, आग, व्योम, झार, प्रोबाहो, नीर, प्रभंजन, घुरनी, अंबुद, जलधि और वेग शामिल हैं। पिछले साल हरेक देश ने 13 नाम सुझाए थे। इसके चलते चक्रवातों के 169 नामों की फेहरिस्त बनी थी।
हुदहुद, लैला, निलोफर, वरदा, कैटरीना, नीलम, फैलीन, हेलन, अम्फान, तितली, आइला, गति, ‘गुलाब’ और ‘यास’ तूफान के नाम काफी चर्चा में रहा है।
असानी के बाद बनने वाले चक्रवात को सितारंग कहा जाएगा, जो थाईलैंड की ओर से दिया गया नाम है। बता दें कि चक्रवातों की तीव्रता अलग-अलग होती है जिसका उसके नाम से कोई लेना देना नहीं होता।
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
ये भी पढ़ें : जानें आखिर क्यों ताजमहल को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दाखिल हुई याचिका?
India News (इंडिया न्यूज),Bihar: पूर्णिया में आपसी लड़ाई के दौरान शराब के नशे में पिकअप…
India News (इंडिया न्यूज),Delhi: गणतंत्र दिवस परेड में राजधानी दिल्ली की झांकी शामिल न होने…
India News (इंडिया न्यूज),UP News: चमनगंज क्षेत्र के तकिया पार्क के पास स्थित 1 मंदिर…
India News (इंडिया न्यूज),JDU Leaders Flagged Off Chariot: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अब मात्र…
India News (इंडिया न्यूज),Rajasthan News: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर कांग्रेस हमलावर नजर…
India News (इंडिया न्यूज),Himachal Pradesh Weather: हिमाचल के निचले पहाड़ी इलाकों में कड़ाके की ठंड…