India News (इंडिया न्यूज), Kolkata Doctor Case: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की चौथी मंजिल के सेमिनार हॉल से 9 अगस्त की सुबह एक महिला जूनियर डॉक्टर का शव बरामद हुआ था। जिसको शुरुआत में आत्महत्या का मामला बताया गया, परंतु बाद में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के सबूत मिले। इस क्रूर घटना को लेकर बंगाल समेत देशभर के मेडिकल संस्थानों में डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं इस मामले में कोलकाता पुलिस ने एक आरोपी 33 वर्षीय संजय रॉय को गिरफ्तार किया है, जो एक सिविक वॉलंटियर है। हालांकि, कोलकाता हाईकोर्ट ने मंगलवार (13 अगस्त) को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने मंगलवार को जांच का जिम्मा संभाल लिया।

मृतक लड़की के पिता ने सुनाई दर्द की दास्तान

बता दें कि, मृतक लड़की के पिता ने मीडिया से बताया कि उन्हें फोन पर बताया गया कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है। पुलिस इस केस को सुलझाने की पूरी कोशिश कर रही है। लड़की के पिता ने कहा कि हमें दीदी (मुख्यमंत्री ममता बनर्जी) पर पूरा भरोसा है। मेडिकल कॉलेज के छात्र जो प्रदर्शन कर रहे हैं, उनका हमें पूरा समर्थन है। सभी हमारे दुख में शामिल हैं, इसलिए हमारा दुख थोड़ा कम हो रहा है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों और उनके नेताओं से अपील की कि हमें न्याय दिलाने में मदद करें, हमें आपसे और कुछ नहीं चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अब मेरी बेटी को कोई वापस नहीं ला सकता। अगर न्याय मिल जाए, तो उसकी आत्मा को भी शांति मिलेगी और हमारे दिल को भी सुकून मिलेगा।

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पड़ोसियों ने साझा किया दर्द

मृतक लड़की की एक महिला पड़ोसी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि रात करीब 10:30 बजे मेरी पड़ोसी (मृतक की मां) चीखते हुए, रोते हुए मुझसे लिपट गई और कहने लगी कि सब खत्म हो गया। मैंने पूछा क्या हुआ? उसने कहा कि अस्पताल से खबर आई है कि मेरी बेटी ने आत्महत्या कर ली है। मैंने पूछा आत्महत्या… कब, कैसे। उसने कहा कि उन्होंने यही कहा। हम चार लोग, मैं, लड़की के माता-पिता और हमारा एक दोस्त अस्पताल पहुंचे। उन्होंने हमें तीन घंटे तक वहीं खड़ा रखा।

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आरोपी ने की हैवानियत की हदें पार

पड़ोसी महिला ने आगे बताया कि एक दंपत्ति जिनकी 31 वर्षीय बेटी की इस तरह मौत हुई, उन्हें तीन घंटे तक खड़ा रखा गया। माता-पिता गिड़गिड़ाते रहे, एक बार हमें दिखा दो… एक बार हमारी बेटी का चेहरा दिखा दो। हमें नहीं दिखाया गया। तीन घंटे बाद माता-पिता को सेमिनार हॉल ले जाया गया। पिता ने मोबाइल से फोटो खींचकर मुझे दिखाई। उसके मुंह में खून लगा था। चश्मा टूटा हुआ था, जिससे आंखों से खून निकल रहा था। शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था। दोनों पैर समकोण पर मिले थे। एक पैर बेड के एक तरफ और दूसरा पैर बेड के दूसरी तरफ था। जब तक पेल्विक गर्डल नहीं टूटता, पैर ऐसे नहीं हो सकते। गला घोंटकर उसकी हत्या की गई।

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