India News (इंडिया न्यूज), Kolkata RG Kar Doctor Case: आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले में दोषी संजय रॉय को अदालत द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद उसे कोलकाता की प्रेसिडेंसी जेल में रखा गया है। इस जेल में पहुंचते ही जेलर ने संजय रॉय के लिए कुछ नियम बदल दिए हैं। यह बदलाव दोषी संजय रॉय की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इतना ही नहीं, जेल पहुंचने के बाद संजय रॉय ने जेल अधिकारियों से पहली मांग क्या की है।
जेल अधिकारियों ने दी ये जानकारी
जेल अधिकारियों ने बताया है कि आजीवन कारावास की सजा पाए कैदियों को दिन में अपने सेल से बाहर रहने के लिए ज्यादा समय मिलता है, जबकि विचाराधीन कैदियों को यह सुविधा कम मिलती है। लेकिन संजय रॉय के मामले में वे कोलकाता दुष्कर्म मामले में दोषी की सुरक्षा जोखिम को देखते हुए नियमों में बदलाव करने जा रहे हैं। इस बीच प्रेसिडेंसी जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे संजय रॉय ने मंगलवार को अपनी पहली मांग रखी। रॉय ने एक नोटबुक और एक पेन मांगा है।
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कुछ घंटे के लिए बाहर रहा संजय रॉय
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेल प्रशासन संजय रॉय को यह अनुमति दे सकता है। आपको बता दें कि, संजय रॉय को मंगलवार को पहली बार कुछ घंटों के लिए अपने बंद सेल से बाहर निकलने की अनुमति दी गई, क्योंकि उनका दर्जा विचाराधीन कैदी से आजीवन कारावास की सजा वाले कैदी में बदल दिया गया था। रॉय पिछले साल 23 अगस्त से प्रेसिडेंसी जेल में हैं। तब से, उन्हें हमेशा अपने सेल में बंद रखा जाता रहा है, सिवाय कोर्ट में पेशी के, चाहे वर्चुअल हो या फिजिकल। रॉय को सेल 6 में अकेले रखा जाएगा। बताया जा रहा है कि उन पर 24×7 निगरानी रखी जाएगी। चूंकि रॉय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट दोनों में मामले चल रहे हैं, इसलिए जेल अधिकारी उनकी सुरक्षा को लेकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते।