India News (इंडिया न्यूज),Kolkata Murder case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। देशभर में दुष्कर्म और हत्या का विरोध हो रहा है। देशभर के डॉक्टर हड़ताल पर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने घटना का स्वत: संज्ञान लिया है। इस मामले में पद्म पुरस्कार से सम्मानित 70 से ज्यादा डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।

अपने पत्र में उन्होंने कोलकाता की घटना के अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने अपनी पांच मांगें रखी हैं, जिसमें स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा से जुड़े कदम उठाने की मांग भी शामिल है। प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखने वालों में डॉ. हर्ष महाजन, एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, कोरोना काल में बड़ी जिम्मेदारी संभालने वाले आईसीएमआर के पूर्व महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव, इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज के निदेशक डॉ. एसके सरीन समेत 70 से ज्यादा नाम शामिल हैं।

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मामले की जांच सीबीआई को सौंपा गया

महिला से दुष्कर्म और हत्या मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच मामले की सुनवाई करेगी। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच 20 अगस्त को मामले की सुनवाई करेगी। वहीं, कोलकाता पुलिस ने रविवार 18 अगस्त से 24 अगस्त तक आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पास निषेधाज्ञा लागू कर दी है, जिसके तहत 5 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने और मीटिंग करने पर रोक रहेगी।

अस्पताल के आसपास निषेधाज्ञा हुआ लागू

महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या का मामला सामने आने के बाद आरजी कर अस्पताल विरोध प्रदर्शनों का केंद्र बन गया है। एक आदेश में कहा गया है कि कोलकाता पुलिस ने अस्पताल के आसपास भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएस) की धारा 163 (2) लगा दी है। इसमें कहा गया है कि अस्पताल के आसपास के इलाके से लेकर श्यामबाजार फाइव-पॉइंट क्रॉसिंग तक निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। आदेश के अनुसार निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 223 के तहत कार्रवाई की जा सकेगी।

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