India News (इंडिया न्यूज), Kolkata Rape Case: कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के बाद भीड़ द्वारा तोड़फोड़ किया गया था। वहीं कुछ दिनों बाद मृतक डॉक्टर के माता-पिता के वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने अस्पताल पर हुए हमले के पीछे ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार का हाथ होने का आरोप लगाया है। मीडिया के साथ एक साक्षात्कार में भट्टाचार्य ने दावा किया कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने बलात्कार और हत्या के विरोध में एकत्र हुए लोगों के बीच गुंडों को भेजा था। भट्टाचार्य ने दावा किया कि इन गुंडों ने प्रदर्शनकारियों को डराने और तितर-बितर करने और सबूत नष्ट करने के इरादे से सरकारी अस्पताल में तोड़फोड़ की।
मृतका के वकील ने लगाए आरोप
बता दें कि, इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अस्पताल में हुई तोड़फोड़ और भीड़ के हमले के लिए विपक्षी दलों को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि, आरोप हैं कि तोड़फोड़ के मामले में राज्य पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 37 लोगों में से कुछ टीएमसी कार्यकर्ता भी शामिल हैं। पुलिस की जांच में संभावित खामियों के बारे में पूछे जाने पर भट्टाचार्य ने कोलकाता पुलिस की जांच की आलोचना की। उन्होंने कहा कि जिस तरह से उन्होंने अपनी जांच की वह मुख्य कारणों में से एक था। जिसके लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित कर दिया।
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कोलकाता पुलिस के जांच पर उठा सवाल
वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि कोलकाता पुलिस ने जिस तरह से जांच की, उसे देखिए। शुरुआत में, अस्पताल प्रशासन ने माता-पिता से कहा कि उनकी बेटी बीमार थी, लेकिन आधे घंटे बाद, उन्होंने बताया कि उसने आत्महत्या कर ली है। जिस अस्पताल में शव मिला, वहां डॉक्टर मौजूद थे। उनमें से किसी को भी यह कैसे पता नहीं चला कि यह आत्महत्या थी या हत्या? हमारा संदेह है कि पुलिस ने वैज्ञानिक तरीके से जांच नहीं की, जैसा उन्हें करना चाहिए था। उन्होंने आगे कहा कि शुरू में पीड़िता के शव का जल्दी से दाह संस्कार करने का प्रयास किया गया था, क्योंकि ऐसे मामलों में शव महत्वपूर्ण सबूत होता है।
उन्होंने कहा कि कोलकाता पुलिस ने दावा किया कि परिवार के सदस्यों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया। लेकिन यह बाद में हुआ, जब डीवाईएफआई की मीनाक्षी जैसी छात्र नेताओं और अन्य ने हस्तक्षेप किया, तब जांच की गई।
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