India News (इंडिया न्यूज), Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत मामले पर सुप्रीम कोर्ट एक्शन मोड में है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (20 अगस्त) को सोशल मीडिया पर कोलकाता हत्याकांड की पीड़िता की पहचान उजागर करने और उसकी तस्वीरें मौजूद होने को गलत बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता की फोटो को तत्काल प्रभाव से सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने को कहा है।
पहचान हटाने के लिए याचिका दायर
कोलकाता रेप पीड़िता की फोटो को सोशल मीडिया से हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने पहचान उजागर करने वाले कुछ मीडिया संगठनों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कड़ी नाराजगी भी जताई। बता दें कि कानूनी तौर पर रेप पीड़िता की पहचान उसकी सहमति से ही उजागर की जा सकती है। इसीलिए 2012 के दिल्ली गैंगरेप पीड़िता को भी उसके असली नाम की जगह ‘निर्भया’ कहा गया था।
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सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जिस तरह से मीडिया संगठन कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई हैवानियत की शिकार पीड़िता का नाम और पहचान उजागर कर रहे हैं। वह पूरी तरह से गलत है। इसके साथ ही कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले में दिए गए प्रावधान के भी खिलाफ है, क्योंकि बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर नहीं की जा सकती। इससे पहले कोलकाता पुलिस ने पीड़ित महिला डॉक्टर की पहचान उजागर करने और अफवाह फैलाने के आरोप में भाजपा की पूर्व सांसद लॉकेट चटर्जी और दो मशहूर डॉक्टरों को समन जारी किया था। खबरों की मानें तो गलत सूचना फैलाने के आरोप में 57 अन्य लोगों को भी समन जारी किया गया था।
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