India News (इंडिया न्यूज), Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता रेप मर्डर केस के बाद पश्चिम बंगाल की ममता सरकार लगातार बैकफुट पर चल रही है। इस केस को लेकर उनकी सरकार काफी दबाव में नजर आ रही है। ममता सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। इन सबको देखते हुए पश्चिम बंगाल की ममता सरकार द्वारा 3 सितंबर (मंगलवार) को विधानसभा के पटल पर ‘अपराजिता महिला एवं बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन) विधेयक’ पेश किया गया है। इस विधेयक को राज्य के कानून मंत्री मलय घटक ने सदन में पेश किया है। विधेयक में बलात्कार और हत्या के मामलों में दोषियों को मौत की सजा देने का प्रावधान है। इसमें पीड़िता की उम्र मायने नहीं रखेगी। 

इस बिल में क्या है मुख्य प्रस्ताव?

भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत प्रासंगिक प्रावधान में संशोधन की मांग करने वाला विधेयक सभी उम्र के पीड़ित पर लागू होगा। यदि इस विधेयक को पारित किया जाता है, तो बलात्कार और हत्या के मामलों में दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई जाएगी। इसका अर्थ है कि उन्हें अपना पूरा जीवन जेल में बिताना होगा। महज कुछ वर्षों के बाद छोड़ा नहीं जाएगा। इसमें आर्थिक दंड के प्रावधान भी होंगे।

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क्या है इस बिल की 10 प्रमुख बातें

  1. इस बिल में फास्ट्रैक कोर्ट और स्पेशल जांच दल बनाने का प्रस्ताव है। इस जांच टीम को विशेष सुविधाएं दी जाएंगी।
  2. ट्रायल प्रक्रिया तय समय में पूरी होनी चाहिए।
  3. गंभीर अपराधों के मामले में न्यूनतम 7 दिनों के भीतर पूरा किया जाना चाहिए। यह कम से कम एक महीने पहले था। जबकि मूल कानून में एक साल के अंदर सजा दी जानी थी।
  4. मूल कानून के अनुसार पुलिस स्टेशन को घटना दर्ज करने के 2 महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करनी होती थी। संशोधन में इसे 21 दिनों के अंदर पूरा करना होगा।
  5. यदि कोई मामला पाया जाता है। जिसमें 21 दिन के अंदर जांच पूरी नहीं हो रही है, तो इसमें 15 दिनों का अतिरिक्स्ट समय दिया जा सकता है। हालांकि, यह एसपी स्तर के किसी व्यक्ति को दिया जाना चाहिए।
  6. बलात्कार के लिए आजीवन कारावास और जुर्माना या मौत की सजा है।
  7. सामूहिक बलात्कार के मामले में जुर्माना, आजीवन कारावास और मौत की सजा का प्रावधान है।
  8. बलात्कार के आरोप के अलावा यदि बलात्कारी द्वारा पहुंचाई गई चोटों के कारण मृत्यु होती है, तो अभियुक्त को मृत्युदंड और जुर्माना लगाया जाएगा।
  9. कोमा में चले गए तो भी मौत की सजा और जुर्माना लगाया जाएगा।
  10. सभी मामले गैर जमानती धारा के तहत होंगे।

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