देश

Lal Bahadur Shastri’s 58th death Anniversary: यहां जानें लाल बहादुर शास्त्री के जीवन के कुछ खास प्रेरक उद्धरण

India News(इंडिया न्यूज),Lal Bahadur Shastri’s 58th death Anniversary: भारत के इतिहास वैसे तो कई ऐसे महान नेता है जिन्होने अपने आगमन के साथ ही एक इतिहास लिख दिया जिसमें से एक है हमारे लाल बहादूर शास्त्री जो कि अपना अपने बेबाक अंदाज के लिए जानें जाते है। एक प्रेरक नेता, राजनीतिज्ञ और सिद्धांतों पर चलने वाले व्यक्ति, भारत के दूसरे प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने अपने पीछे ईमानदारी, सत्यनिष्ठा और विनम्रता की एक समृद्ध विरासत छोड़ी, जो अनुकरणीय है। जहां आज उनके 58 वां पुण्य तिथि पर जानें उनके जीवन के कुछ अनसुने किस्सें।

“जय जवान, जय किसान” का नारा

जानकारी के लिए बता दें कि, उत्तर प्रदेश के मुगलसराय, वाराणसी में जन्मे शास्त्री ने न केवल अपनी जन्मतिथि राष्ट्रपिता के साथ साझा की, बल्कि उनके सिद्धांतों से भी काफी प्रभावित थे। बता दें कि , शास्त्री जी का प्रतिष्ठित नारा – जय जवान, जय किसान, जिसे उन्होंने 1965 में जब भारत पाकिस्तान के साथ युद्ध में गया था, तब सैनिकों और किसानों दोनों को प्रेरित करने के लिए गढ़ा था, आज भी प्यार से याद किया जाता है। उन्होंने 1964-66 के बीच भारत के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया।

कई हफ्तों तक भोजन से दूर रहे थे शास्त्री

वहीं लाल बहादुर शास्त्री अपने सादगी और अतिसूक्ष्मवाद का जीवन जीने के लिए जाने जाने वाले शास्त्री और उनका परिवार भारत-पाक युद्ध के बीच गेहूं की आपूर्ति में कटौती की अमेरिका की धमकी के जवाब में नागरिकों के साथ हफ्तों तक भोजन छोड़ने में शामिल रहे। बता दें कि, लाल बहादुर शास्त्री ने 11 जनवरी 1966 को ताशकंद में अंतिम सांस ली।

लाल बहादुर शास्त्री के प्रेरक उद्धरण

आज लाल बहादुर शास्त्री का 58 पुण्य तिथि है। जहां उन्हें याद करते हुए आज हम उनके द्वारा दिए गए कुछ खास प्रेरक उद्धरण के बारे में जानते है।

1. हम शांति और शांतिपूर्ण विकास में विश्वास करते हैं, न केवल अपने लिए बल्कि पूरी दुनिया के लोगों के लिए।”

2. हम दुनिया में सम्मान तभी हासिल कर सकते हैं जब हम आंतरिक रूप से मजबूत होंगे और अपने देश से गरीबी और बेरोजगारी को दूर कर सकते हैं।”

3. भारत को अपना सिर शर्म से झुकाना पड़ेगा यदि एक भी व्यक्ति ऐसा बचे जो किसी भी तरह से अछूत कहा जाए।

4. दूसरों को सलाह देने और खुद उस पर अमल न करने को लेकर मेरे मन में हमेशा असहजता महसूस होती रही है।

5. अनुशासन और एकजुट कार्रवाई ही राष्ट्र की ताकत का असली स्रोत है।

6. हम स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं, प्रत्येक देश के लोगों को बाहरी हस्तक्षेप के बिना अपने भाग्य का पालन करने की स्वतंत्रता।

7. जब हमारे चारों ओर गरीबी और बेरोजगारी है तो हम परमाणु हथियारों पर लाखों-करोड़ों खर्च नहीं कर सकते।

8. प्रत्येक राष्ट्र के जीवन में एक समय ऐसा आता है जब वह इतिहास के चौराहे पर खड़ा होता है और उसे चुनना होता है कि उसे किस रास्ते पर जाना है।

9. हम एक व्यक्ति के रूप में मनुष्य की गरिमा, चाहे उसकी जाति, रंग या पंथ कुछ भी हो, और बेहतर, पूर्ण और समृद्ध जीवन के उसके अधिकार में विश्वास करते हैं।

10. हमें शांति के लिए बहादुरी से लड़ना चाहिए जैसे हम युद्ध में लड़े थे।

ये भी पढ़े

Shubham Pathak

शुभम पाठक लगभग दो वर्ष से पत्रिकारिता जगत में है। वर्तमान में इंडिया न्यूज नेशनल डेस्क पर कार्यरत है। वहीं इससे पूर्व में STV Haryana, TV100, NEWS India Express और Globegust में काम कर चुके हैं। संपर्क का स्रोत:- sirshubham84@gmail.com

Recent Posts

भारत के पडोसी देश में एक बार फिर खेली गई खून की होली, काफिले पर दोनों तरफ से बरसाई गई गोली, 50 लोगों की हुई मौत

Terror Attack in Pakistan: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के कुर्रम इलाके में आतंकियों ने वाहनों…

4 minutes ago

Delhi Election 2025: संजय सिंह का बड़ा बयान, बोले- ‘BJP चाहे जितना विरोध करे लेकिन…’

India News (इंडिया न्यूज),Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनावों की आधिकारिक घोषणा से पहले ही…

4 minutes ago

Chhattisgarh Naxal Encounter: सुकमा में हुई मुठभेड़ में 10 नक्सली हुए ढेर! कई हथियार बरामद

India News (इंडिया न्यूज), Chhattisgarh Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में पुलिस और नक्सलियों…

11 minutes ago