इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Lata Mangeshkar Childhood Story : सुरों की मलिका के नाम से जानी जाने वाली लता मंगेशकर के पिता दीनानाथ मंगेशकर बड़े संगीतज्ञ थे और संगीत की शिक्षा भी देते थे। बताया जाता है कि लता जी पांच साल की थीं। उनके पिता अपने शागिर्द को गाना सिखा रहे थे। बीच में वो किसी काम की वजह से बाहर गए और उन्होंने अपने शिष्य को रियाज जारी रखने को कहा।
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Lata Mangeshkar Father
जब वो गाने लगा तो लता मंगेशकर को लगा कि वो गलत गा रहा है। कहते हैं वो उसके पास गईं और कहा कि ऐसे नहीं गाते। जब लता जी गाकर सुना रही थी, तब उनके पिताजी पीछे आकर खड़े हो गए और उन्होंने लता मंगेशकर का गाना सुना और लता की मां से कहा कि अरे एक गवैया तो अपने घर में ही है”
सूत्र बताते हैं कि लता मंगेशकर को अगले दिन उनके पिताजी ने उन्हें सुबह उठाया और उसके बाद उनकी संगीत की शिक्षा शुरू हो गई। अपने इतने लंबे गायकी के सफर में लता मंगेशकर ने संस्कृत, मराठी और हिंदी भाषा में ना जाने कितने गीत गाए होंगे।
1940 के दशक में लता मंगेशकर ने फिल्मों में गाना शुरू किया Lata Mangeshkar Childhood Story
1940 के दशक में उन्होंने फिल्मों में गाना शुरू किया। कहते हैं कि “लता जी बेतहाशा अच्छा गाती हैं। वो इतनी कामयाब होने के बाद भी बिलकुल सरल हैं। जमीन पर बैठकर वो रियाज करती थीं। लता जी ने भारत में संगीत को परिभाषित किया है।
कई लोगों का तो यह भी कहना है कि लता मंगेशकर का गाना सुनकर परम आनंद की अनुभूति होती है और उसकी वजह से बरबस ही आंखों से आंसू निकलने लगते हैं। लता मंगेशकर की आवाज में एक दैवीय शक्ति है। जो सबसे अनूठी और सबसे अलग है। जो आपको अपनी ओर खींच लेती है।
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