India News (इंडिया न्यूज़), 4 Years Of Abrogation Article 370: जम्मू और कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाए हुए चार साल पूरे हो चुके हैं। केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि सड़कों पर होने वाली हिंसा में काफी कमी आई है। आतंकवादियों की तरफ से अब बंद का आह्वानप्रभावी नहीं है। स्कूल-कॉलेज साल भर अब काम किया करते हैं। साथ ही वक्त पर सभी परियोजनाएं पूरी होती हैं।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक चैनल से बातचीत के दौरान कहा, “सबसे बड़ी बात ये है कि अब एक आम कश्मीरी किसी के हुक्म से बंधा हुआ नहीं है. एक समय था जब लोग सूर्यास्त से पहले अपने घर पहुंचने की कोशिश किया करते थे और अब श्रीनगर शहर में लोग देर रात तक बाहर रहते हैं।”
उन्होंने कहा, “यहां पर 1.8 करोड़ पर्यटक आए हैं तो रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। कोई भी प्रोजेक्ट या काम शुरू होगा तो ये एक या दो साल में पूरा हो जाना चाहिए। ऐसे कामों में पांच साल लगते थे और उसकी कोई जवाबदेही भी नहीं होती थी। आम आदमी सबसे ज्यादा मुश्किल में था जिससे अब उन्हें छुटकारा मिल गया है।”
3 साल पहले जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल बने मनोज सिन्हा ने आगे कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश ने सामाजिक क्षेत्र में भी तेजी से प्रगति की है। सिन्हा ने कहा, “बुनियादी ढांचे के साथ 1.50 लाख करोड़ की राजमार्ग तथा सुरंग परियोजनाएं चल रही हैं। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत ग्रामीण सड़कों के मामले में हम देश में तीसरे नंबर पर हैं। हम हर दिन 20 किलोमीटर सड़क बना रहे हैं।” इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर 5 नई निर्माणाधीन बिजली परियोजनाओं के साथ अपनी वर्तमान उत्पादन क्षमता 3450 मेगावाट में 3200 मेगावाट को और जोड़ देगा।
मनोज सिन्हा ने राज्य में निजी क्षेत्र के निवेश को लेकर कहा कि जम्मू-कश्मीर में साल 2021 की नई औद्योगिक योजना से पहले करीब 13 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ था। केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल सिन्हा ने आगे कहा, “हमें नई योजना के तहत 80 हजार करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्ताव मिले। मैं बहुत ही जिम्मेदारी से बताता हूं कि जमीन पर 27 हजार करोड़ रुपये का काम किए जा रहे हैं। कुछ प्रोडक्शन में है, कुछ में महीनों लग सकते हैं तो कुछ में एक आध साल लग जाएगा। चुनौती तो जमीन ढूंढ़ने की थी।”
इसके अलावा उन्होंने आगे कहा कि ये बात सच है कि जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं। 2019 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधानसभा चुनाव, परिसीमन और फिर उचित वक्त पर राज्य का दर्जा, इसका रोडमैप रखा था। उपराज्यपाल सिन्हा ने आगे कहा, “मतदाता सूची अब पूरी हो चुकी है। चुनाव आयोग चुनावों को लेकर फैसला करेगा और जब भी फैसला करेगा जम्मू-कश्मीर प्रशासन इसके लिए तैयार रहेगा।”
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