India News(इंडिया न्यूज),Lok Sabha Election: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को उद्धव ठाकरे के ‘देशद्रोही’ वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह वे (उद्धव ठाकरे) हैं जिन्होंने बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को धोखा दिया है और त्याग दिया है। इसके साथ ही सीएम शिंदे कहा कि मेरे लिए इस्तेमाल किए गए शब्द उनके लिए लागू होते हैं। 2019 में, उन्होंने बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को त्याग दिया…उन्होंने अपने पिता की विचारधारा को बेच दिया। उन्होंने पाप किया और जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी…2019 में, उन्होंने अपने दोस्त और महाराष्ट्र के लोगों को धोखा दिया। उन्होंने बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को धोखा दिया।

Gurpatwant Singh Pannun: अमेरिका को सता रहा भारत से रिश्ते खराब होने का डर! पनन्नु हत्या मामले में बदल लिया अपना सुर,जानें क्या कहा-Indianews

उद्धव ठाकरे को बताया लालची

इसके साथ ही महाराष्ट्र के सीएम ने ठाकरे पर लालची होने का भी आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि लालच के कारण उन्होंने उसी विचारधारा वाले पुराने सहयोगी को छोड़ दिया और कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बना ली। “जब हमने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, तब शिवसेना और भाजपा की विचारधारा एक जैसी थी। लोगों को लगा कि गठबंधन की सरकार बनेगी और इसीलिए उन्होंने वोट दिया। लेकिन सीएम पद के लालच में वे कांग्रेस और शरद पवार के साथ चले गए। यह विश्वासघात है…मैं उनके जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करता। बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे ने मुझे यह नहीं सिखाया।

जानें शिंदे के कटाक्ष का कारण

जानकारी के लिए बता दें कि शिंदे की यह प्रतिक्रिया शिवसेना (यूबीटी) नेता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी द्वारा शिंदे पर बॉलीवुड का कटाक्ष करने के कुछ घंटों बाद आई, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री के बेटे श्रीकांत शिंदे के माथे पर ‘मेरे पिता देशद्रोही हैं’ लिखा होना चाहिए। घाटकोपर में एक रैली को संबोधित करते हुए चतुर्वेदी ने कहा, “एक हिंदी फिल्म थी जिसमें बेटे के हाथ पर ‘मेरा बाप चोर है’ लिखा था।

Lok Sabha Election: भारत के लोकसभा चुनावों में हस्तक्षेप के रूसी आरोपों का अमेरिका ने किया खंडन, जानें क्या कहा-Indianews

इसी तरह, श्रीकांत शिंदे के माथे पर ‘मेरा बाप गद्दार है’ लिखा होना चाहिए।” श्रीकांत कल्याण लोकसभा क्षेत्र से मौजूदा सांसद और शिवसेना के उम्मीदवार हैं। एक महिला सांसद की ओर से इसे बेहद अनुचित बयान बताते हुए संजय निरुपम ने दावा किया कि यह उद्धव ठाकरे ही थे जो भाजपा को धोखा देकर एमवीए के सहयोगी कांग्रेस और अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में शामिल होने के बाद ‘महा गद्दार’ बन गए ।