राजीव गांधी से पहली मुलाकात
सोनिया गांधी ने एक बार बताया था कि उनकी और राजीव गांधी की पहली मुलाकात इंग्लैंड के कैम्ब्रिज शहर में हुई थी। वह जब कैम्ब्रिज में पढ़ाई कर रही थीं, तो एक रेस्टोरेंट में अक्सर जाती थीं, जहाँ इटैलियन खाना मिलता था। सोनिया ने बताया कि उन्हें इंग्लिश खाना पसंद नहीं था, इसलिए वह वहां अक्सर जाती थीं। इसी रेस्टोरेंट में एक आम दोस्त के जरिए उनकी मुलाकात राजीव गांधी से हुई थी। राजीव गांधी ने पहली बार सोनिया से मिलने की इच्छा जाहिर की थी और देखते ही देखते वह सोनिया से दिल बैठ गए थे।
राजीव की यह नज़रें उनकी पहली मुलाकात से ही सोनिया पर स्थिर हो गईं थीं, और यह कनेक्शन धीरे-धीरे एक मजबूत रिश्ते में बदल गया। इस रिश्ते की शुरुआत साधारण थी, लेकिन धीरे-धीरे यह गहरा होता चला गया, और दोनों के बीच एक अनकहे जुड़ाव का निर्माण हुआ।
सोनिया के परिवार का विरोध
राजीव गांधी और सोनिया गांधी का रिश्ता निजी था, और उन्होंने इसे सार्वजनिक रूप से ज्यादा उभरने नहीं दिया था। सोनिया ने एक बार 2006 में कैलिफोर्निया के पूर्व गवर्नर अर्नोल्ड श्वाजनेगर की पत्नी मारिया श्रीवर से बातचीत के दौरान इस बारे में खुलासा किया था। इस बातचीत में सोनिया ने बताया था कि वह और राजीव राजनीति से ज्यादा रिश्ते के मामले में निजी रहना पसंद करते थे। हालांकि, यह भी सच था कि सोनिया के परिवार को राजीव से शादी करने पर विरोध था।
सोनिया ने कहा था कि उनके पिता, जो एक सख्त और पारंपरिक व्यक्ति थे, राजीव से उनकी शादी के खिलाफ थे। इसके पीछे उनका तर्क यह था कि भारत बहुत दूर है और वहां के रीति-रिवाज और संस्कृति बिलकुल अलग हैं। इसके बावजूद, सोनिया ने अपने परिवार की इच्छाओं के खिलाफ जाकर राजीव से शादी करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा, “मुझे लोग अक्सर इस बारे में सवाल करते हैं। एक दिन मैं इस पर पूरी किताब लिखूंगी।”
एक अजनबी से जीवनसाथी तक
राजीव और सोनिया की प्रेम कहानी एक अजनबी से जीवनसाथी बनने तक का एक दिलचस्प सफर रही। पहले तो सोनिया को राजीव के साथ किसी प्रकार की राजनीति या सार्वजनिक जीवन में शामिल होने का कोई इरादा नहीं था। वे दोनों अपनी निजी ज़िन्दगी को ज्यादा सार्वजनिक करना नहीं चाहते थे। हालांकि, धीरे-धीरे राजीव गांधी का राजनीति में आना और उनका प्रधानमंत्री बनना उनके जीवन का एक नया मोड़ बन गया। इस समय, सोनिया को भी राजनीति और सार्वजनिक जीवन से जुड़ी जिम्मेदारियों का सामना करना पड़ा।
राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद सोनिया गांधी का जीवन काफी बदल गया। उनका निजी जीवन और सार्वजनिक जीवन दोनों ही बहुत ही चुनौतीपूर्ण थे। लेकिन उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार किया और अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया।
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सोनिया गांधी का परिपक्व दृष्टिकोण
सोनिया गांधी ने अपनी और राजीव की प्रेम कहानी को हमेशा एक निजी दायरे में ही रखा। हालांकि, राजीव से विवाह के बाद भी उनका जीवन कठिनाइयों से भरा था, लेकिन सोनिया ने कभी भी अपनी सच्ची भावनाओं को व्यक्त करने में संकोच नहीं किया। उन्होंने अपनी सादगी, समर्पण और समझदारी से भारतीय राजनीति में एक अलग स्थान बनाया।
राजीव गांधी और सोनिया गांधी की प्रेम कहानी एक साधारण और दिल को छू लेने वाली कहानी है, जिसमें समझदारी, प्रतिबद्धता और समय की सच्चाईयों का समावेश है। राजीव गांधी के जीवन का यह पहलू हमें यह सिखाता है कि प्रेम और रिश्ते समय और परिस्थिति के अनुसार बदलते हैं, लेकिन जब सच्चे प्यार का अहसास होता है, तो उसका असर जीवन भर रहता है।
सोनिया गांधी का यह बयान कि वह एक दिन अपनी और राजीव की प्रेम कहानी पर किताब लिखेंगी, इस दिलचस्प प्रेम यात्रा को एक और नया मोड़ दे सकता है।