India News (इंडिया न्यूज़), (अजय त्रिवेदी), मार्च से ही शुरु हुयी तपती गर्मी, ईद का त्योहार और उपर से लोकसभा चुनावों ने इस बार लखनवी चिकन के कारोबार में रंगत भर दी है। आम तौर पर अप्रैल के दूसरे हफ्ते से शुरु होने वाला चिकन के कपड़ों का सीजन इस बार फरवरी से ही रंग में आ गया था और जैसे-जैसे पारा चढ़ रहा है तो धंधा और चोखा होता जा रहा है। गर्मी के सीजन का विस्तार होने के चलते इस बार चिकन कारोबारियों को उम्मीद है कि विदेशों का निर्यात भी बढ़ेगा।

  • पिछले साल 260 करोड़ रुपये के चिकन के कपड़े विदेशों को भेजे गए थे
  • सबसे ज्यादा मांग में लखनवी चिकनकारी कुर्ती है
  • जार्जेट और शिफान पर खूब पसंद किया जा रहा है चिकन का काम

दुकानों पर जबरदस्त भीड़

राजधानी लखनऊ के पुराने चौक के गोल दरवाजे में चिकन के बेशुमार दुकानों पर ईद के त्योहार के चलते जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है। चौक में चिकन के सबसे पुराने कारोबारियों में से एक अजय खन्ना बताते हैं कि इस बार ईद पर बाकी किसी कपड़े के मुकाबले चिकन की खरीददारी सबसे ज्यादा हो रही है। उनका कहना है कि दो-तीन सालों से बेतहाशा गर्मी के मौसम में ईद का त्योहार पड़ रहा है और इस दौरान सबसे ज्यादा धंधा चिकन के कपड़ों का ही हो रहा है। खन्ना के मुताबिक खाड़ी देशों से ईद के मद्देनजर फरवरी से ही आर्डर आ रहे थे जो अभी तक जारी हैं।

चिकनकारी कुर्ती की बढ़ी मांग

इस बार चिकन के नए चलन के बारे में अजय बताते हैं कि सबसे ज्यादा मांग में लखनवी चिकनकारी कुर्ती है। सबके बजट के मुताबिक मिलने वाली चिकन की कुर्ती के लिए दिल्ली, पंजाब और हिमाचल के साथ मुंबई से खूब आर्डर आ रहे हैं। उनका कहना है कि आमतौर पर 300 से 500 रुपये में बाजार में मिलने वाली चिकन कुर्ती लखनऊ में 150 से 200 रुपये में उपलब्ध है। इसके अलावा पुरुषों के पहनने के लिए चिकन का हाफ कुर्ता भी खासी मांग में है। मुंबई से बड़ी तादाद में अद्धी कहे जाने वाले चिकन के कुर्तों की मांग आ रही है। खन्ना बताते हैं कि लखनऊ में 100-120 रुपये में भी अद्धी मिल जा रही है जो दिल्ली मुंबई पहुंचते ही 200 रुपये बिकने लगती है।

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खाड़ी देशों से आ रहे हैं आर्डर

चिकन के थोक कारोबारी वीरेंद्र सिंह का कहना है कि आमतौर पर काटन के कपड़े पर होने वाला चिकन का काम इस समय जार्जेट और शिफान पर खूब पसंद किया जा रहा है। उनका कहना है कि कुछ शौकीनों ने सिल्क पर भी चिकन के काम को पसंद किया है और उसकी मांग हो रही है। इस बार के नए डिजायन में चिकन की डिजायनर शर्ट और कलीदार कुर्ते खास हैं जो खाड़ी देशों को भी भेजे जा रहे हैं।

लखनऊ चिकन एवं हैंडीक्राफ्ट एसोसिएशन के दीपक कुमार के मुताबिक पिछले साल सीधे व मुंबई-दिल्ली के व्यापारियों के मार्फत 260 करोड़ रुपये के चिकन के कपड़े विदेशों को भेजे गए थे जो इस साल बढ़कर 300 करोड़ रुपये तक जाएगा।