इंडिया न्यूज, चेन्नई:
मद्रास हाईकोर्ट ने कलह के कारण एक व्यक्ति को अपनी पत्नी और दो बच्चों को छोड़कर कहीं और जाकर रहने का आदेश दिया है। पति पेशे से उद्योगपति है और पत्नी वकील है। पत्नी के मुताबिक, अपनी शादी खत्म करने के लिए उसने शहर के एक फैमिली कोर्ट में याचिका दी थी। उसने इसमें मांग की थी कि तलाक के मामले में फैसला आने तक बच्चों व परिवार की भलाई के लिए कोर्ट से पति को घर से बाहर निकल जाने के आदेश दिए जाएं।
फैमिली कोर्ट के आदेश से असहमत थी पत्नी
फैमिली कोर्ट ने इस याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार करके पति को आदेश देकर कहा कि जब तक मुख्य याचिका का निपटारा नहीं हो जाता तब तक पति घर में शांति बरकरार रखे और पत्नी व बच्चों को वह परेशान न करें। पत्नी इस आदेश असहमत थी और उसने इस पर एक और पुनरीक्षण याचिका दायर कर।
परिवार जंग के मैदान में तब्दील हुआ
हाईकोर्ट में हाल ही में मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति आर एन मंजुला ने कहा कि चूंकि याचिकाकर्ता और उनके पति की शादीशुदा जिंदगी कुछ ठीक नहीं चल रही है और यहां तक कि परिवार जंग के मैदान में तब्दील हो चुका है। पत्नी का कहना है कि उनके पति बेहद कठोर व सख्त हैं और उनकी बातचीत व व्यवहार भी ठीक नहीं है। वहीं पति का दावा है कि वह एक अच्छे पिता और पति हैं।
एक छत के नीचे रहने का कोई तुक नहीं बनता :
हाईकोर्ट ने कहा कि एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहने से बात और बिगड़ेगी। घर में दस और छह साल के दो बच्चे हैं और पति का हमेशा गालीगलौज करना, चीखना-चिल्लाना बच्चों के लिए सही नहीं है। कोर्ट ने कहा, अगर शादीशुदा जिदंगी ठीक नहीं चल रही तो एक छत के नीचे रहने का कोई तुक नहीं बनता है। फिर कोशिश जरूर करनी चाहिए, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं है पति के दुर्व्यवहार के कारण बच्चे भी डरे-सहमे हैं। पत्नी भी खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है। ऐसे में अगर परिवार का माहौल किसी एक व्यक्ति के कारण बिगड़ता है, तो सुरक्षात्मक आदेश के तहत पति को घर से बेघर किया जा सकता है।
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