Maha Shivratri 2022
इंडिया न्यूज, वाराणसी :
Maha Shivratri 2022 : फाल्गुन कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को देवाधिदेव महादेव को समर्पित महाशिवरात्रि का महापर्व मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि पर पंचग्रही योग के साथ ही केदार योग का महासंयोग निर्मित हो रहा है। महासंयोग में की गई महादेव की आराधना पुण्य व फलदायी साबित होगी।
पंच ग्रहों के योग का महासंयोग Maha Shivratri 2022
सभी मनोरथों को पूर्ण करने के लिए इस बार महाशिवरात्रि पर पंच ग्रहों के योग का महासंयोग और दो महाशुभ योग बन रहे हैं। मंगलवार को मकर राशि में शुक्र, मंगल, बुध, चंद्र, शनि के संयोग के साथ ही केदार योग भी बनेगा, जो पूजा उपासना के लिए विशेष कल्याणकारी है।
स्वामी पूणार्नंदपुरी ने बताया कि शिवरात्रि चतुर्दशी तिथि एक मार्च सुबह 3:16 मिनट से दो मार्च रात्रि एक बजे तक रहेगी। शिवरात्रि पर धनिष्ठा नक्षत्र में परिधि नामक योग बन रहा है और इस योग के बाद शतभिषा नक्षत्र शुरू हो जाएगा। वहीं परिध योग के बाद से शिव योग शुरू हो जाएगा।
व्रत रखने से सौभाग्य में होगी बढ़ोत्तरी
शिव पूजन के समय केदार योग रहेगा। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसके बाद भोलेनाथ ने वैराग्य का जीवन त्यागकर गृहस्थ जीवन अपनाया था। ऋषियों का मानना है कि यह व्रत रखने से सौभाग्य में बढ़ोत्तरी होगी।
गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल शिव बरात Maha Shivratri 2022
महाशिवरात्रि पर शिव बरात में भगवान शिव के आराध्य मयार्दा पुरुषोत्तम भगवान राम के भी दर्शन होंगे। 40वें वर्ष में निकलने वाली शोभायात्रा में 40 दोहों में पूरी रामायण को शिव बरात में जीवंत किया जाएगा। काशी विश्वनाथ धाम को समर्पित शिव बरात में होली के विविध रंग भी बिखरेंगे। शिव बरात को देखने के लिए देश भर से श्रद्धालु बनारस आते हैं।
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