India News (इंडिया न्यूज़), Ajatshatru On Article 370: भारत-पाकिस्तान के बीच अलग होने के बाद सबसे बड़ी समस्या कश्मीर को लेकर हो रही है।दरअसल, उस समय के राजा ने पहले किसी भी देश में शामिल नहीं होने का फैसला लिया था। परंतु पाकिस्तान की तरफा से हमला करने के बाद कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने 1947 में भारत के साथ विलय की निर्णायक संधि पर हस्ताक्षर किया था। वहीं उनके पोते अजातशत्रु सिंह ने संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत सरकार के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को दृढ़ निर्णय बताने के साथ-साथ सराहना भी की है।
अनुच्छेद 370 के हटाने को बताया सही
बता दें कि, संयुक्त राष्ट्र जिनेवा में एक विशिष्ट सभा को संबोधित करते हुए महाराजा हरि सिंह के पोते अजातशत्रु ने बताया कि इस ऐतिहासिक फैसले ने कैसे पिछले सात दशकों में क्षेत्र की आबादी द्वारा लंबे समय से सहन किए गए अन्याय को ठीक किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण में कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद सूबे में सुरक्षा परिदृश्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ। साथ ही उन्होंने आंकड़ों का विवरण देते हुए बताया कि 2019 में संवैधानिक सुधारों के बाद से क्षेत्र में आतंकवादी घटनाओं में उल्लेखनीय गिरावट आई है। उन्होंने आगे कहा कि जम्मू कश्मीर में साल 2004 से 2014 तक कुल 7,217 आतंकवादी घटनाएं देखने को मिली। वहीं भारत सरकार के इस निर्णय के बाद आतंकवादी घटनाओं में 70% से अधिक की कमी आई है।
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विकास की राह पर जम्मू-कश्मीर
अपने भाषण के दौरान भाजपा नेता आजातशत्रु सिंह ने इस भेदभावपूर्ण अनुच्छेद को हटाए जाने के बाद से क्षेत्र में हुई सामाजिक-आर्थिक प्रगति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में गरीबी का 2005-2006 में 40.45% से घटकर 2022-2023 में मात्र 2.81% होना विकास निधि के विवेकपूर्ण उपयोग का प्रमाण है। साथ ही जम्मू और कश्मीर के लिए 2024 के अंतरिम बजट में क्षेत्र की समृद्धि के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया है। उन्होंने क्षेत्र में हो रहे विकास को भी रेखांकित किया, उन्होंने बताया कि क्षेत्र में नए मेडिकल कॉलेजों, सुरंगों, रेलवे लाइनों और नागरिक बुनियादी ढांचे की स्थापना हुई है।
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