India News ( इंडिया न्यूज़), Maharashtra News: महाराष्ट्र के नांदेड़ में डॉ. शंकरराव चव्हाण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल उस वक्त चर्चा का विषय बना गया, जब पिछले 48 घंटों में अस्पताल के अंदर 31 मरीजों की मौत की खबर सामने आई। गौरतलब है कि मारने वाले 31 मरीजों में 16 शिशु शामिल हैं। वहीं, अस्पताल में इस वक्त भी 42 शिशुओं की हालत गंभीर बताई जा रही है।
इस मामले में नांदेड़ सरकारी अस्पताल के अध्यक्ष एसआर वाकोडे ने जानकारी देते हुए बताया कि पि 30 सितंबर की रात 12 बजे से 1 अक्टूबर की सुबह 12 बजे तक इन 24 घंटों में 24 मौतें हुई हैं, जिनमें 12 नवजात शिशु शामिल हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल के बाल चिकित्सा विभाग में 142 भर्ती हैं, जिनमें से 42 नवजात शिशुओं की हालत गंभीर है। अस्पताल के अध्यक्ष एसआर वाकोडे ने मरने वाले मरीजों के बारे में कहा कि दवाओं या डॉक्टरों की कोई कमी नहीं है। उन्हें (मृतकों को) हर संभव इलाज दिया गया, लेकिन प्रत्येक मरीज दिए गए इलाज पर अलग-अलग प्रतिक्रिया देता है।”
वहीं, इस घटना के बाद महाराष्ट्र सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इस मामले पर समिति के गठन की बात कही। उन्होंने कहा कि मैंने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस को इस संबंध में जानकारी दी है। उन्होंने कहा, ” मुझे बताया गया कि दवाइयों, डॉक्टरों की कोई कमी नहीं थी, इसके बावजूद ऐसा क्यों हुआ इसका हम जायज़ा करेंगे।
चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशक डॉ. दिलीप म्हैसेकर ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बताया, “छत्रपति संभाजीनगर जिले की तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है, जिसे कल दोपहर 1 बजे तक रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है। मैं स्थिति की समीक्षा करने के लिए व्यक्तिगत रूप से अस्पताल का दौरा कर रहा हूं।”
सरकारी अस्पताल में हुई इन मौतों के लेकर राजनीतिक दलों में राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सरकार पर भी जोरदार हमला किया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मृत्यु की खबर बेहद पीड़ादायक, गंभीर व चिंताजनक है। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए लिखा, “कहा जा रहा है कि इन मरीज़ों ने दवाइयों व इलाज की कमी से दम तोड़ दिया। ऐसी ही घटना अगस्त 2023 में ठाणे के एक सरकारी अस्पताल में हुई जिसमें 18 मरीज़ों की जान गई थी। उन्होंने आगे लिखा कि लगातार ऐसे हादसों ने राज्य सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था के ऊपर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है। हम विस्तृत जाँच की माँग करते हैं, जिससे इस लापरवाही के मुजरिमों को न्यायपालिका से कठोर सज़ा मिले।
वहीं, खरगे के अलावा कांग्रेस के पूर्व नेता राहुल गांधी ने भी इस मामले को लेकर बीजेपी पर हमला किया है। उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा लिखा कि ”भाजपा सरकार प्रचार पर हजारों करोड़ खर्च करती है, लेकिन बच्चों की दवा खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं?”
शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने इस घटना पर कहा कि “…महाराष्ट्र की स्वास्थ्य स्थिति हमेशा बेहतर रही है लेकिन पिछले 1 साल से एक तरह से महाराष्ट्र के सभी सरकारी विभाग काम कर रहे हैं, न स्वास्थ्य मंत्री को चिंता है, न डॉक्टर काम कर रहे हैं और न ही किसी का कोई नियंत्रण है। स्वास्थ्य विभाग महाराष्ट्र का सबसे उपेक्षित विभाग है।”
ये भी पढे़ं-
Contents:Как определить разворот тренда на ФорексТест стратегии форекс «Лимитка»: +95,14% по GBP/USD за 12 месПример…
Navratri 2022 9th Day Maa Siddhidatri Puja Vidhi Vrat Katha Mantra Aarti in Hindi: नवरात्र…
Contents:Selling your item to BuyBackWorld is as easy as…GoPro swings to a surprise profit but…
Contents:India DictionaryProject Finance & Structuring SBUTop Reasons to Start Investing at an Early AgeManaging money…
Sonia Gandhi Meet Opposition parties : कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी शुक्रवार को वीडियो…
Bollywood Actress Troll : 2018 में फिल्म लवयात्री से बॉलीवुड में एंट्री करने वाली एक्ट्रेस…