India News (इंडिया न्यूज), Uddhav Thakeray: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे लगभग तय हो चुके हैं। बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति प्रचंड बहुमत की ओर बढ़ गई है। इस बीच कांग्रेस नित महाविकास अघाड़ी को करारी हार मिलती नजर आ रही है। जिस तरह की जीत लोकसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी को मिली थी। उस हिसाब से विधानसभा चुनाव से इस गठबंधन को प्रचंड जीत मिलने की उम्मीद थी। लेकिन परिणाम काफी चौंकाने वाले हैं। ऐसे में उद्धव ठाकरे की साख को काफी तगड़ा झटका लगा है। इन सबके बीच एक वायरल पोस्ट ने हलचल मचा दी है। यह पोस्ट पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे के नाम से वायरल हो रही है। इसमें एक अखबार की कटिंग के जरिए दावा किया जा रहा है कि, उद्धव ठाकरे ने 1992 के दंगों में शामिल होने के लिए मुसलमानों से माफी मांगी है।
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, वायरल हो रहे इस पोस्ट में इस्तेमाल की गई अखबार की कटिंग में लिखा है कि, ‘1992 के दंगों में शामिल होना गलती थी, मुझे माफ कर दो- उद्धव ठाकरे। मुस्लिम नेताओं के साथ बैठक में उद्धव ठाकरे की माफी।’ वायरल पोस्ट में यह भी दावा किया गया है कि, मुफ्ती मोहम्मद इस्माइल, आरिफ शेख और फारूक शाह समेत कई मुस्लिम नेताओं के सामने शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने माफी मांगी है। जानकारी के अनुसार, वायरल पेपर कटिंग राष्ट्रीय उजाला अखबार के नाम से शेयर की जा रही है और लेखक का नाम प्रणव डोगरा लिखा है।
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राष्ट्रवादी देव कुमार नामदेव (धर्म योद्धा) नाम के यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ‘1992 के दंगों में हिस्सा लेना एक गलती थी, मुझे माफ कर दो – उद्धव ठाकरे। मुस्लिम वोटों के लिए तुम कितना नीचे गिरोगे? बाला साहेब ठाकरे की आत्मा रो रही होगी।’ मनोज सिंह नाम के एक और यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर किया है। उन्होंने लिखा, ‘ये लोग कितना नीचे गिरेंगे। कल तक ये शेखी बघार रहे थे कि शिवसेना ने मुंबई को 1992 के दंगों से बचाया, आज उद्धव ठाकरे उन्हीं दंगों के लिए मुस्लिम समुदाय से माफी मांगते हुए नजर आ रहे हैं।
जब इसकी सच्चाई का पता लगाने के लिए हमने खबर को गूगल पर सर्च किया तो ऐसा कोई न्यूज आर्टिकल नहीं मिला, जिससे इस दावे की पुष्टि होती हो। अगर उद्धव ठाकरे माफी मांगते तो स्थानीय और राष्ट्रीय मीडिया में इस पर जरूर चर्चा होती। यह पोस्ट राष्ट्रीय उजाला के नाम से शेयर की जा रही है, इसलिए हमने दैनिक राष्ट्रीय उजाला के आर्टिकल भी खंगाले, लेकिन ऐसा कोई आर्टिकल नहीं मिला। हालांकि, 21 नवंबर को फेसबुक पर राष्ट्रीय उजाला की तरफ से एक स्पष्टीकरण मिला, जिसमें दावा किया गया कि अखबार के नाम से शेयर की जा रही वायरल पोस्ट फर्जी है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि प्रणव डोगरा उनके अखबार के लिए काम नहीं करते हैं।
राष्ट्रीय उजाला के मुद्रक, प्रकाशक और मालिक ज्योति नारायण ने भी स्पष्ट किया कि उनका और उनके अखबार का इस फर्जी आर्टिकल से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सामग्री पूरी तरह से निराधार है और इसका उद्देश्य राष्ट्रीय उजाला की प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता को धूमिल कर जनता को गुमराह करना है।
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