India News (इंडिया न्यूज), Uddhav Thackeray Family: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम लगभग तय चुके हैं। चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति गठबंधन को प्रचंड जीत मिलती हुई नजर आ रही है। 2024 के लोकसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी को जिस तरह की जीत मिली थी। उसके मुताबिक विधानसभा चुनाव के नतीजे नहीं आए है। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, शिवसेना और एनसीपी के दो फाड़ हो चुके हैं। शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट और शिवसेना शिंदे गुट तो वहीं दूसरी तरह एनसीपी अजित पवार गुट और एनसीपी शरद पवार गुट में बंट गए थे।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद एक बार फिर असली नकली की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। इस समय अगर किसी की चर्चा हो रही है तो वो है उद्धव ठाकरे। क्या आपको पता है कि उद्धव ठाकरे के कितने भाई हैं? अगर नहीं पता तो आज आपको इस स्टोरी से पूरी जानकारी मिलेगी। 

उद्धव ठाकरे के कितने भाई थे?

हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, बाला साहेब ठाकरे के तीन बेटे थे। उनके सबसे बड़े बेटे का नाम बिंदुमाधव ठाकरे था। 20 अप्रैल 1996 को एक सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी। बाला साहेब के दूसरे बेटे का नाम जयदेव ठाकरे है। जयदेव ठाकरे राजनीति और मीडिया से काफी दूर रहते हैं। उन्हें आखिरी बार 2022 में एकनाथ शिंदे के साथ मंच पर देखा गया था। वहीं, बाल ठाकरे के तीसरे बेटे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे हैं जो शिवसेना (UBT) का नेतृत्व कर रहे हैं।

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उद्धव ठाकरे से भाई का रिश्ता सही नहीं

जानकारी के अनुसार, जयदेव ठाकरे के अपने पिता बाला साहेब और छोटे भाई उद्धव ठाकरे से रिश्ते अच्छे नहीं थे। बाला साहेब के अपने बेटे के साथ कैसे रिश्ते थे, इसका अंदाजा पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए गए उनके इंटरव्यू से लगाया जा सकता है। उसमें बाला साहेब ने कहा था, ‘वो लड़का एक त्रासदी है।’ यानी ये लड़का एक त्रासदी है। जयदेव ठाकरे 90 के दशक में अपनी पहली पत्नी से अलग हो गए थे। इस वजह से भी परिवार से उनकी दूरी बढ़ती गई। रिपोर्ट के मुताबिक, 17 नवंबर 2012 को बाल ठाकरे की मौत के बाद जयदेव ठाकरे उनकी मर्जी के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट चले गए, क्योंकि उसमें जयदेव के नाम पर कुछ भी नहीं था। 

उद्धव ठाकरे के भाई अपने पिता के खिलाफ चले गए थे कोर्ट?

बाला साहब ने अपनी ज्यादातर संपत्ति अपने छोटे बेटे उद्धव ठाकरे और परिवार के दूसरे सदस्यों के नाम कर दी थी। हालांकि, ये अलग बात थी कि जयदेव ने कुछ संपत्ति अपने बच्चों के नाम पर छोड़ी थी। उद्धव ठाकरे ने जनवरी 2014 में बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रोबेट याचिका दायर की थी। इस याचिका में जयदेव ने दावा किया था कि अकेले ‘मातोश्री’ बंगले की कीमत 40 करोड़ रुपये है। बाकी संपत्ति का संयुक्त मूल्य 100 करोड़ रुपये से अधिक है। जबकि उद्धव ने दावा किया कि ठाकरे द्वारा छोड़ी गई संपत्ति की कीमत केवल 14.85 करोड़ रुपये थी। 

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वसीयत को लेकर दोनों भाइयों में हुआ था विवाद

हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, बाला साहेब ठाकरे का निधन 17 नवंबर 2012 को 86 वर्ष की आयु में हुआ था। लेकिन उद्धव के अनुसार ठाकरे ने इससे पहले 13 दिसंबर 2011 को वसीयत लिखी थी। इस पूरे मामले को लेकर दोनों भाइयों के बीच काफी विवाद हुआ था। जयदेव ठाकरे ने यह भी दावा किया था कि बाला साहेब की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। वह वसीयत पर हस्ताक्षर करने की स्थिति में नहीं थे। जयदेव ठाकरे वसीयत को सही नहीं मान रहे थे। उनका आरोप था कि वसीयत सही नहीं थी।

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