India News (इंडिया न्यूज), Maharashtra Election Result 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने शरू हो गए हैं। चुनाव आयोग के वेबसाइट के अनुसार बीजेपी 127 सीट, शिवसेना (शिंदे गुट) 56 सीट, एनसीपी (अजित पवार गुट) 38 सीट पर आगे चल रही है। जिसका मतलब है कि महायुति गठबंधन 288 विधानसभा सीटों में से 221 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी सिर्फ 50 सीटों पर आगे चल रही है। साथ ही अन्य पार्टियां 17 सीटों पर बढ़त बनाएं हुए हैं। बता दें कि, जहां एक तरफ महायुति खेमे में चुनाव जीतने की ख़ुशी है।

वहीं दूसरी तरफ एक डर भी बना हुआ है। दरअसल, महायुति के तीनों प्रमुख नेता देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार पहले ही मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। इसी वजह से महायुति में डर बना हुआ है। अब देखना है कि चुनाव जीतने के बाद कौन मुख्यमंत्री बनता है?

फडणवीस की दावेदारी क्यों सही?

बता दें कि, भाजपा नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस महायुति गठबंधन में मुख्यमंत्री बनने के सबसे बड़े दावेदार हैं। साथ ही वो महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे बड़े नेता हैं। इससे पहले भी फडणवीस गठबंधन की सरकार चला चुके हैं। ऐसे में अगर महायुति की सरकार बनती है और बीजेपी को सीएम बनाने का मौका मिलता है, फडणवीस का नाम सबसे आगे हो सकता है।

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एकनाथ शिंदे क्यों ठोक रहे दावेदारी?

महाराष्ट्र के मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे राज्य का अगला मु्ख्यमंत्री बनने में प्रमुख दावेदार हैं। कहा जा रहा है कि अगर उनकी पार्टी किंगमेकर की भूमिका में आती है तो उनके पास मुख्यमंत्री की कुर्सी जा सकती है। बता दें कि, शिंदे लड़की-बहिन योजना की वजह से भी काफी लोकप्रिय हैं। दसअसल, शिंदे ने उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना से बगावत कर बीजेपी के साथ मुख्यमंत्री बनने के लिए आए थे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव परिणाम सामने आने के बाद उनको सीएम की कुर्सी फिर मिलता है कि नहीं। हालांकि उनके पार्टी के नेता संजय शिरसाट ने फिर से शिंदे के मुख्यमंत्री बनने की बात कही है।

अजित पवार भी पेश कर रहे दावेदारी

महायुति की तरफ से अजित पवार मुख्यमंत्री बनने के लिए तीसरे बड़े दावेदार हैं। उन्होंने अपने चाचा शरद पवार से बगावत कर बीजेपी गठबंधन में आए थे। कहा जा रहा है कि अजित अगर सरकार बनाने की भूमिका में आते हैं तो मुख्यमंत्री कुर्सी को लेकर मोलभाव कर सकते हैं। इससे पहले अजित कई बार मुख्यमंत्री बनने की इच्छा भी प्रकट कर चुके हैं।

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