India News (इंडिया न्यूज), Maharashtra Ganesh Utsav: बॉम्बे हाई कोर्ट ने जल प्रदूषण से निपटने के लिए शुक्रवार (30 अगस्त) को महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया। जिसमें उच्च न्यायालय ने राज्य में गणेशोत्सव के आयोजकों के लिए प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से बनी गणेश मूर्तियों का उपयोग न करने की सख्त शर्त रखने को कहा।कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि वह सभी नगर निकायों को निर्देश दे कि वे गणेशोत्सव आयोजित करने वाले मंडलों के लिए एक शर्त रखें कि वे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के दिशा-निर्देशों का पालन करें और पीओपी की मूर्तियों का उपयोग न करें।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने क्या दिया निर्देश

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने आदेश सुनाते हुए कहा कि हम समझते हैं कि कई मंडलों को पहले ही अनुमति दी जा चुकी है। अधिकारियों को मंडलों को पीओपी की मूर्तियों का उपयोग न करने के लिए सूचित करना चाहिए। मुख्य मुद्दा (पीओपी दिशा-निर्देशों पर प्रतिबंध लगाने का) उचित समय पर तय किया जाएगा। सभी हितधारकों को 31 अक्टूबर तक जवाब में अपने हलफनामे दाखिल करने दें। इससे पहले, हाई कोर्ट ने कहा था कि वह राज्य भर में आगामी गणेश चतुर्थी उत्सव के लिए पीओपी की मूर्तियों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाएगा।

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बीएमसी को लगाई थी फटकार

उच्च न्यायालय की पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति अमित बोरकर भी शामिल थे। उन्होंने 2020 से लागू सीपीसीबी के स्पष्ट दिशानिर्देशों के बावजूद मूर्ति निर्माण के लिए पीओपी के उपयोग को रोकने में विफल रहने के लिए बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) को भी फटकार लगाई थी। बता दें कि, मुंबई समेत पुरे महाराष्ट्र में गणेश उत्सव को बड़े ही खास तरीके से मनाया जाता है। इस दौरान अलग-अलग जगहों पर खास तरीके का पंडाल और बप्पा की मुर्तिया लगाई जाती है।

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