नई दिल्ली (Maharashtra Politics): इन दिनों महाराष्ट्र कांग्रेस में अंदरुनी कलह चल रही है। इसी अंदरुनी कलह के चलते कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासादेब थोराट ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने एक दिन पहले पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से कहा था कि वह पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले के साथ रहकर काम नहीं कर सकते हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले पर सवाल उठाने के अगले दिन ही बालासाहेब थोराट ने कांग्रेस को झटका दिया है।

थोराट के करीबी ने बताया कि उन्होंने अपना इस्तीफा दो फरवरी को ही भेज दिया था। उनके लिए नाना पटोले के साथ काम करना मुश्किल होता जा रहा था। सूत्रों के मुताबिक थोराट के वरिष्ठ नेता होने के बावजूद उनके परिवार के खिलाफ बयान दिए जा रहे थे, और कुछ लोग थोराट और उनके परिवार के खिलाफ बयान देकर उनकी और उनके परिवार की छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहे थे।

पार्टी हाई कमान को सौंपा इस्तीफा

समाचार एजेंसी आईएएनएस ने सूत्रो के हवाले से बताया कि थोराट ने अपने इस्तीफे की चिट्ठी दिल्ली में पार्टी के हाई कमान को सौंप दी हैं। अभी तक उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा नहीं भेजा है। हालांकि, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले थोराट के इस्तीफे जैसी किसी भी घटनाक्रम से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि थोराट ने हमें कोई त्याग पत्र नहीं दिया है।
थोराट के करीबी में समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि थोराट ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे खत में लिखा है कि कोई भी फैसला लेने से पहले उनसे मशविरा नहीं लिया जाता है।

जन्मदिन पर कांग्रेस को झटका

बालासाहेब थोराट ने अपने जन्मदिन पर ही कांग्रेस को झटका दे दिया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मैं थोराट को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं देता हुं और उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना करता हुं। मुझे थोराट के इस्तीफे की कोई चिट्ठी नहीं मिली है। थोराट को हमसे संवाद करना चाहिए, उसके बाद हम चर्चा कर सकते हैं।

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