India News (इंडिया न्यूज़), Maharashtra Politics: बीते महीने में हुए NCP में दो फाड़ पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने आज खुलकर अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि हाल ही में हमारे कुछ लोग सरकार में शामिल हुए हैं। वे कह रहे हैं कि वे विकास के मुद्दे पर गए थे लेकिन इसका कोई खास मतलब नहीं था।

“कुछ सदस्य एजेंसियों की जांच के दबाव में भाजपा में शामिल हुए”

उन्होंने आगे कहा कि उनमें से कुछ ED जांच के घेरे में थे, उनमें से कुछ लोग जांच का सामना नहीं करना चाहते थे लेकिन कुछ लोग जो अनिल देशमुख जैसे थे उन्होंने जेल जाना स्वीकार कर लिया। अनिल देशमुख ने जेल जाना स्वीकार किया और 14 महीने बिताए जहां उन्हें जांच से बचने के लिए उस पक्ष (भाजपा) में शामिल होने की भी पेशकश की गई, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। वह कानून का सामना करेंगे और अपनी विचारधारा नहीं छोड़ेंगे। उन्होने कहा कि हमारे कुछ सदस्य एजेंसियों की जांच के दबाव में भाजपा में शामिल हुए है।

संजय राउत ने अपने पत्र सामना में लिखी ये बात

वहीं संजय राउत ने अपने पत्र सामना में शरद पवार के बारे में  लिखा, “शरद पवार की संसदीय राजनीति को पचास साल का कालखंड बीत चुका है। इतने लंबे समय तक चर्चा और राजनीति में रहने वाला कोई दूसरा नेता देश की राजनीति में आज तो मौजूद नहीं है।  पवार बार-बार सुर्खियों में आ रहे हैं तो अजीत पवार के साथ हो रही मुलाकातों की वजह से। अजीत पवार ने पवार से सियासी रिश्ते तोड़ लिए हैं। अजीत पवार और उनका गुट भाजपा के पाले में आ गया और इससे उनके गुट के विधायकों के खिलाफ चल रही ‘ईडी’ की कार्रवाई पर ब्रेक लग गया। शिवसेना और एनसीपी के टूटने की यही मुख्य वजह है। अजीत पवार आज की राजनीति में एक मजबूत नेता हैं, लेकिन सत्ता की गदा और शरद पवार का नाम उनके साथ नहीं होगा तो अजीत पवार कौन है, यह सवाल हर कोई पूछेगा।

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