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शिंदे और पवार के बीच बुरे फंसे फडणवीस, अब ‘पालक’ पर शुरू रस्सा-कस्सी, इतने प्रेशर में CM चीख ना पड़ें?

India News (इंडिया न्यूज), Maharashtra Guardian Minister : महाराष्ट्र में चुनाव जीतने के बाद से ही महायुती में किसी न किसी चीज को लेकर सहयोगी पार्टियों में खींचतान जारी है। पहले सीएम फेस को लेकर खींचतान, फिर विभागों को लेकर खींचतान उसके बाद संरक्षक मंत्री को लेकर खींचतान चलने की खबर सामने आई ही थी कि अब पालक मंत्री (Guardian Minister) पद को लेकर भी तीनों पार्टियों बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी में संघर्ष तेज होने की आशंका है। महाराष्ट्र में चुनाव जीतने के 16 दिन बाद कैबिनेट विस्तार हुआ। इस कैबिनेट विस्तार में तीनों दलों के प्रमुखों को फूंक-फूंककर कदम रखना पड़ा। इस बीच शिवसेना और एनसीपी में नाराजगी भी देखने को मिली। फिलहाल के लिए वह मामला शांत हैं। लेकिन अब पालक मंत्री के पद को लेकर तीनों दल एक बार फिर गुत्थम-गुत्था होते दिख रहे हैं।

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क्या होता है पालक मंत्री?

महाराष्ट्र में पालक मंत्री एक विशिष्ट पद होता है, जो राज्य सरकार की तरफ से हर जिले के लिए नामित किया जाता है। यह मंत्री उस जिले के प्रशासन और विकास कार्यों के लिए जिम्मेदार होता है। यह पद राज्य में सुशासन सुनिश्चित करने और जिलों के समग्र विकास में सहायता करने के उद्देश्य से बनाया गया है। पालक मंत्री की नियुक्ति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य सरकार की योजनाएं और नीतियां हर जिले में प्रभावी तरीके से लागू हों। यह व्यवस्था जिलों के बीच असंतुलन को कम करने और विकास में तेजी लाने के लिए की जाती है।

पालक मंत्री का काम

पालक मंत्री अपने जिले में सरकार की योजनाओं और नीतियों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करता है। उसके अलावा जिलास्तरीय प्रशासन, जैसे जिला कलेक्टर, जिला परिषद, और अन्य सरकारी विभागों के साथ तालमेल बैठाने में मदद करता है। जिले में चल रहे विकास कार्यों, परियोजनाओं और योजनाओं की समीक्षा और प्रगति पर नजर रखता है। जिले में जनता से जुड़ी समस्याओं को समझने और उनका समाधान निकालने में भूमिका निभाता है। प्राकृतिक आपदाओं या अन्य आपात स्थितियों में जिले के राहत और बचाव कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने की जिम्मेदारी।

इन जिलों में चल रही है गुत्थम-गुत्था

बीड़ जिले में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल सकती है। यहां से आने वाली पंकजा मुंडे और धनंजय मुंडे दोनों भाई-बहन हैं। देवेंद्र फडणवीस सरकार में दोनों को ही मंत्री बनाया गया है। ऐसे में सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि इन दोनों में से किसे पालक मंत्री पद मिलेगा। वहीं रायगढ़ के संरक्षक मंत्री पद को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। यहां पर विधायक भरत गोगावले ने पालकमंत्री पद पर दावा किया है। सतारा में पालक मंत्री पद के लिए शंभुराज देसाई और पहली बार मंत्री बने शिवेंद्रराजे भोसले में कड़ी टक्कर है।

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Shubham Srivastava

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