India News (इंडिया न्यूज), IED Defused: मणिपुर की राजधानी इंफाल के पूर्वी जिले में भारतीय सेना के बम निरोधक दस्ते ने 3 बमों को सुरक्षित स्थान पर ले जाकर निष्क्रिय कर दिया। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि ये आईईडी 46 किलोमीटर दूर नोंगडैम और इथम गांवों को जोड़ने वाली सड़क पर छिपाए गए थे। सड़क का वह हिस्सा जहां IED पाए गए, वह माफ़ो बांध और नोंगडैम गांव के करीब है। रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि मणिपुर के इम्फाल में गश्ती अभियान के दौरान भारतीय सेना के जवानों ने सड़क किनारे एक साथ तीन आईईडी रखे हुए देखे। जिस पर सेना की टुकड़ी ने तुरंत कार्रवाई की और पूरे इलाके को घेर लिया।
सेना ने किया बम को निष्क्रिय
बता दें कि सेना के बम निरोधक दस्ता मौके पर पहुंचा और आईईडी को सुरक्षित निकालकर डिफ्यूज कर दिया। जिससे जान-माल का नुकसान होने से बच गया और स्थानीय लोग एक बड़े हादसे से बच गए। जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर में घाटी-प्रमुख मैतेई और पहाड़ी-प्रमुख कुकी जनजातियों के बीच संघर्ष शुरू होने के एक साल बाद भी स्थिति सामान्य होने के कोई संकेत नहीं हैं। फिलहाल सुरक्षा बलों की टुकड़ियां उन संवेदनशील इलाकों पर नजर रखती हैं, जहां दोनों समुदायों के गांव मिलते हैं। खासकर मणिपुर की राजधानी इंफाल घाटी के आसपास की तलहटी के पास सेना को ज्यादा चौकसी और निगरानी करनी पड़ती है।
पिछले साल 3 मई से ही जल रहा मणिपुर
बता दें कि पिछले साल 3 मई को कुकी समुदाय द्वारा निकाले गए आदिवासी एकता मार्च के दौरान मणिपुर में हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक झड़प हुई। इस घटना के बाद से वहां हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। हालांकि, हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या करीब 53% है और इनमें से ज्यादातर लोग अब इंफाल घाटी में रहते हैं। जबकि 40 फीसदी आदिवासी हैं, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं और ये ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।