India News (इंडिया न्यूज), Mallikarjun Kharge: केंद्र सरकार ने सोमवार (22 जुलाई) को तीसरे कार्यकाल का पहला आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। इस पर हमला बोलते हुए कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। मल्लिकार्जुन खरगे ने बजट से पहले ही केंद्र पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार पिछले दरवाजे से तीन कृषि कानूनों को लागू करना चाहती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने आज आर्थिक सर्वेक्षण के जरिए चीन को आर्थिक क्लीन चिट दे दी है। खड़गे ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि आप आज ढाई घंटे तक गला घोंटने का विलाप कर रहे थे। लेकिन सच्चाई यह है कि आपकी सरकार ने 10 साल में 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं का गला घोंट दिया है। इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार पर पांच गंभीर आरोप लगाए।

नीट और महंगाई को लेकर सरकार पर हमला

कांग्रेस अध्यक्ष ने पहले आरोप में नीट का मुद्दा उठाते हुए कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री सदन में झूठ फैलाते हैं और नीट पेपर लीक की जिम्मेदारी लेने से बचते हैं। उन्होंने कहा कि आज युवाओं का भविष्य अधर में है। बेरोजगारी दर 9.2 प्रतिशत पर है और नौकरियों के लिए भगदड़ मची हुई है। खड़गे ने दूसरे आरोप में महंगाई का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कमरतोड़ महंगाई ने देश के परिवारों की बचत को 50 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा दिया है। खाद्यान्न महंगाई 9.4 प्रतिशत, अनाज महंगाई 8.75 प्रतिशत, दाल महंगाई 16.07 प्रतिशत और सब्जी महंगाई 29.32 प्रतिशत पर है।

चीन को दिया आर्थिक क्लीन चिट- खड़गे

मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने पोस्ट में मोदी सरकार पर चीन को क्लीन चिट देने का गंभीर आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण कहता है कि चीन से एफडीआई आना चाहिए। पीएम मोदी ने गलवान में 20 शहीदों का अपमान करके चीन को राजनीतिक क्लीन चिट दी। आज उनके आर्थिक सर्वेक्षण ने चीन को आर्थिक क्लीन चिट दे दी है। 2020 से भारत में चीनी सामानों का आयात 68 प्रतिशत बढ़ा है और चीन के साथ हमारा व्यापार घाटा 75 प्रतिशत बढ़ा है।

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सरकार फिर से लाना चाहती कृषि कानून

बता दें कि, मोदी सरकार पर चौथे आरोप में खड़गे ने किसानों की हालत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों की हालत खराब है। आज की खबर कहती है कि अब मोदी सरकार पिछले दरवाजे से तीनों किसान विरोधी काले कानूनों को फिर से लागू करना चाहती है। किसानों की राष्ट्रीय औसत मासिक कृषि आय केवल 5,298 रुपये है।

जमीनी हकीकत से कोसों दूर आर्थिक सर्वेक्षण

खड़गे ने पांचवें आरोप में कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण सरासर झूठ बोलता है और दावा करता है कि गरीबी लगभग खत्म हो गई है। सच तो यह है कि देश में अमीर और गरीब के बीच का अंतर 100 साल में सबसे ज्यादा है। खड़गे ने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण जमीनी हकीकत से कोसों दूर है।

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