India News (इंडिया न्यूज), Man-Eater Wolves Terror: उत्तरप्रदेश के बहराइच में आदमखोर भेड़ियों को जिंदा पकड़ने के लिए वन विभाग के कर्मचारी-अधिकारी और पूरी सरकारी मशीनरी जुटी हुई थी। अब आदमखोर भेड़ियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। क्योंकि इन भेड़ियों ने एक महिला और 10 बच्चों को अपना शिकार बनाया है। प्रभावित इलाकों में स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रभावित जिलों के अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की है और जरुरी दिशा निर्देश दिए हैं। इन जिलों में बहराइच, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, श्रावस्ती, मुरादाबाद, हापुड़, सीतापुर, गोंडा, मेरठ, बिजनौर और बरेली शामिल हैं। इनमें बहराइच जहां भेड़ियों की मार से सबसे ज्यादा लोग परेशान है। अब सीतापुर में भी भेड़ियों के हमले के कुछ मामले देखने को मिले हैं।
आधुनिक तकनीक से की जा रही निगरानी
जब लोगों को दिनभर की मेहनत करने के बाद अपने घरों में आराम करना चाहिए। तब वे लाठी-डंडे और हथियार लेकर गांव की गलियों में घूमने को मजबूर हैं। रात भर निगरानी की जा रही है, कहीं थर्मल इमेजिंग सिस्टम से लैस ड्रोन कैमरे उड़ाए जा रहे हैं, तो कहीं हथियारों से लैस जनप्रतिनिधि आदमखोर भेड़ियों के पगमार्क तलाश रहे हैं। और कहीं वन विभाग से लेकर पुलिस तक, सभी घूम-घूम कर अनाउंसमेंट कर रहे हैं। लोगों को बता रहे हैं कि उनकी सुरक्षा उनके अपने हाथ में है। लोग इतने दहशत में हैं कि वे घरों के अंदर दुबक कर सो रहे हैं। लेकिन इन तमाम कोशिशों के बावजूद भी हालात सुधर नहीं रहे हैं।
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करीब डेढ़ महीने से लोग हैं परेशान
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के करीब 35 गांव करीब डेढ़ महीने से आदमखोर भेड़ियों के आतंक से थर-थर कांप रहे हैं। कोई चैन की सांस नहीं ले पा रहा है। स्थानीय लोगों के साथ-साथ शासन-प्रशासन से लेकर वन विभाग तक हर कोई दिन-रात काम कर रहा है, लेकिन फिर भी कोई भेड़िया किसी झाड़ी से, खेतों से, गलियों से या टूटे दरवाजों से निकलकर घर में सो रहे किसी मासूम बच्चे को उठा ले जाता है। केवल डेढ़ महीने में भेड़ियों ने इस इलाके में एक महिला और 10 बच्चों को मौत के घाट उतार दिया है।
सरकार और प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद भी कई भेड़िये अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं। अगर हमलों की बात करें तो छह महीने में ये भेड़िये साठ से ज्यादा बार इंसानों पर हमला कर चुके हैं। इसीलिए अब सरकार ने फैसला किया है कि अगर ये भेड़िये पकड़े नहीं गए या इन्हें पिंजरे में बंद करना या स्टन गन से शांत करना संभव नहीं हुआ तो इन्हें सीधे गोली मार दी जाएगी।
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