India News (इंडिया न्यूज़),Manipur: मणिपुर में मई के महीने से जारी जातीय हिंसा मणिपुर समेत पूरे देश के लिए एक चिंता का विषय बना हुआ है। अभी तक हिंसा का कोई समाधान नहीं निकल पाया है। जिसके बाद अब संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने सोमवार को एख रिपोर्ट जारी कर कहा कि, मणिपुर में महिलाओं और लड़कियों को निशाना बनाकर हुई लिंग आधारित हिंसा की खबरों और तस्वीरें काफी चिंताजनक है।
इसके साथ ही भारत सरकार से हिंसा की घटनाओं की जांच करने और अपराधियों को जिम्मेदार ठहराने के लिए समय से कार्रवाई करने का अनुरोध किया। संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों ने मणिपुर में मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन की खबरों को लेकर चिंता जताई, जिनमें यौन हिंसा, न्यायेतर हत्याएं, जबरन विस्थापन, यातना और दुर्व्यवहार के कथित कृत्य शामिल हैं।
विशेषज्ञों ने भारत सरकार से किया आग्रह
मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने मणिपुर में प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए प्रयासों में तेजी लाने और हिंसा की जांच करने के लिए समय पर कार्रवाई करने और अधिकारियों सहित अपराधियों को जिम्मेदार ठहराने का आग्रह भारत सरकार से किया है। इसके साथ हीं विशेषज्ञों ने दावा किया कि, मणिपुर की हाल की घटनाएं भारत में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों की लगातार बिगड़ती स्थिति की दिशा में एक और दुखद मील का पत्थर है।
मिली जानकारी के अनुसार यूएन के विशेषज्ञों ने मणिपुर में वकीलों और मानवाधिकार रक्षकों द्वारा चलाए गए तथ्य-खोज मिशन और मणिपुर की स्थिति पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुवर्ती कार्रवाई का स्वागत करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है। इसके साथ हीं उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से न्याय, जवाबदेही और क्षतिपूर्ति पर ध्यान केंद्रित करते हुए सरकार और अन्य अभिनेताओं की प्रतिक्रिया की निगरानी जारी रखने का आग्रह किया।
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