इंडिया न्यूज़, मणिपुर :
Manipur Militant Attack : मणिपुर में चूड़ाचंद्रपुर जिले के सिंघट में शनिवार को उग्रवादियों ने असम राइफल्स के काफिले पर घात लगाकर आईइडी से हमला कर दिया था। इस हमले में असम राइफल्स के कमांडिंग आफिसर समेत 5 जवान शहीद हो गए हैं। इस घटना में 46 असम राइफल्स के सीओ कर्नल विप्लव त्रिपाठी की पत्नी 37 वर्षीय अनुजा शुक्ला और 5 साल के बेटे आशीष त्रिपाठी की भी मौत हो गई।
इस वारदात की जिम्मेदारी करीब 10 घंटे बाद मणिपुर नागा पीपुल्स फ्रंट और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नामक दो संगठनों ने ली है। इनमें से पीएलए के संबंध चीन से जुड़े होने के सबूत मिल रहे हैं। जानकारी के मुताबिक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का वित्तपोषण पड़ोसी देश चीन कर रहा है। जिसका मकसद भारत के पूर्वी राज्य मणिपुर को देश से अलग करना है। वहीं इन दोनों संगठनों के ट्रेनिंग कैंप बांग्लादेश और म्यांमार में चलाए जाने की भी जानकारी सेना को मिली है। (Manipur Militant Attack)
मणिपुर नागा पीपुल्स फ्रंट की स्थापना 25 सितंबर, 1978 को एन. बिशेश्वर सिंह के नेतृत्व में की गई थी। बिशेश्वर सिंह समेत पड़ोसी चीन शुरू से ही मंशा पाले हुए थे कि मणिपुर को भारत से अलग करवा कर अलग आजाद राज्य घोषित किया जाए। वहीं चीन का इस मुहिम को समर्थन देने की पीछे मकसद था कि भारत से सीधे न लड़कर एक ऐसा फ्रंट बनाया जाए जो राज्य में उपद्रव मचाएं और कामयाब होने पर चीनी सेना इसे अपने कब्जे में ले ले।
इसके लिए बिजिंग ने रणनीति बनाई और नागा, कुकी जैसे अनेक समूहों को एकजुट कर भारत के खिलाफ लड़ने के लिए सहायता राशि देना शुरू कर दिया। जगजाहिर है कि चीन अपनी सरजमीं पर किसी आतंकी गुट को पनपने नहीं देता, इसीलिए चीन की मदद से बांग्लादेश व म्यांमार में दहशतगर्दों के प्रशिक्षण शिविर चलाए जा रहे हैं जिसमें करीब 1 हजार नई भर्तियां कर उन्हें हाई लेवल की ट्रेनिंग दी जा रही है। (Manipur Militant Attack)
मणिपुर नागा पीपुल्स फ्रंट खुद को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए विशेष रणनीति पर काम कर रहा है। इसके लिए उसने हाल ही में 2 भूमिगत संगठनों से समझौता किया है। जो कि समान मानसिकता और विचारों पर काम कर रहे हैं। बता दें कि मंसूबों को कामयाब करने के मकसद से मणिपुर नागा रिवोल्यूशनरी फ्रंट व यूनाइटेड नागा पीपुल्स काउंसिल ने मिलकर मणिपुर नागा पीपुल्स फ्रंट बना है। जिसके बाद दोनों संगठनों ने इस विलय की जानकारी सोशल मीडिया पर देते हुए अपनी मंशा जाहिर कर दी थी। कि अब हम मणिपुर को आजाद करवा कर ही दम लेंगे। (Manipur Militant Attack)
देश के पूर्वी राज्यों असम, मणिपुर जैसे कई पर्वतीय राज्यों में चीन अपरोक्ष तौर पर आतंकी संगठनों की मदद कर रहा है। जिसके सबूत 1991 में भी सामने आ चुके हैं। जिसमें देश की खुफिया एजेंसियों को पता लगा था कि कैसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और चीन की सरकार भारत को अस्थिर करने के लिए प्रोपगंडा चला रही है और आतंकी संगठनों को पैसा के रूप में मदद मुहैया कर रही है। ऐसे कृत्य के पीछे दोनों देशों का मकसद साफ झलक रहा है कि वो देश में हमले करवा कर देश की प्रगति में अड़गा अड़ाने की विफल कोशिशें करने में लगे हैं। (Manipur Militant Attack)
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