नई दिल्ली (Manish sisodia court hearing)दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने आबकारी नीति मामले में जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का सहारा लिया। जिसमें आज उनकी याचिका पर सुनवाई शुरू की गई थी। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की बेंच सुनवाई कर रही है। कोर्ट ने कहा कि हम मामले को नहीं सुन सकते, आप पहले हाई कोर्ट जाइए।

  • हाई कोर्ट में जाएं, हम नहीं सुनेंगे- जस्टिस नरसिम्हा

  • सुप्रीम कोर्ट ने याचिका सुनने से की मनाही

  • क्या है शराब नीति मामला?

हाई कोर्ट में जाएं, हम नहीं सुनेंगे- जस्टिस नरसिम्हा

जस्टिस नरसिम्हा ने कहा कि मामला दिल्ली का है, इसका मतलब यह नहीं कि आप सीधे सुप्रीम कोर्ट आ जाएंगे। मनीष सिसोदिया के अभिषेक मनु सिंघवी वकील सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट मौलिक अधिकारों का संरक्षक है सीजेआई ने पूछा कि केस किस धारा में है। सिंघवी ने बताया कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 7 का है सीजेआई ने कहा कि आप जो भी कह रहे हैं, वह हाई कोर्ट को कहिए हम नहीं सुनेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका सुनने से की मनाही

मनीष सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने आगे की कार्यवाही में कहा कि रोस्टर के हिसाब से हाई कोर्ट में जिस जज के पास मामला जाना है, वह एक ट्रिब्यूनल का भी काम देख रहे हैं, वह व्यस्त हैं। कोर्ट ने कहा कि इसकी चिंता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस करेंगे, उन्हें बताइए।

वकील सिंघवी ने आगे कहा कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी गलत थी। सीजेआई ने कहा कि हम यहीं हैं, लेकिन पहले आप हाई कोर्ट जाइए हम अभी मामले को नहीं सुन सकते याचिकाकर्ता वैकल्पिक कानूनी उपाय आजमाए।

क्या है शराब नीति मामला?

दिल्ली शराब नीति मामले में जुलाई, 2022 में दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें मनीष सिसोदिया पर कमीशन लेकर शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था। जिसकी वजब से दिल्ली की नई शराब नीति के चलते राज्य के बजट में भारी नुकसान होने की बात सामने आई है।

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