India News (इंडिया न्यूज़), Mann Ki Baat, नई दिल्ली: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार, 18 जून को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ को संबोधित किया। ये मन की बात कार्यक्रम का 102वां एपिसोड है। मन की बात कार्यक्रम हर महीने के आखिरी रविवार को सुबह 11 बजे प्रसारित होता है। आखिरी रविवार इस बार 25 जून को पड़ रहा है। इस दौरान पीएम मोदी अपने अमेरिकी दोरे पर रहेंगे। जिस कारण ये कार्यक्रम आज यानी कि एक हफ्ते पहले प्रसारित किया गया। बता दें पीएम ने मन की बात’ को संबोधित करते हुए कई अहम मुद्दों पर बात की पीएम ने कहा किभारत लोकतंत्र की जननी है। हम 25 जून को नहीं भूल सकते। जिस दिन आपातकाल लगाया गया था। यह भारत के इतिहास का एक काला काल था। लाखों लोगों ने अपनी पूरी ताकत से आपातकाल का विरोध किया। उस दौर में लोकतंत्र के समर्थकों पर इतना अत्याचार किया गया था कि आज भी मन कांप उठता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कही ये मुख्य बातें –
- पीएम ने कहा “आमतौर पर ‘मन की बात’ हर महीने के आखिरी रविवार को आपके पास आती है, लेकिन इस बार यह एक हफ्ते पहले हो रही है। आप सभी जानते हैं, मैं अगले हफ्ते अमेरिका में रहूंगा और वहां कार्यक्रम काफी व्यस्त होने वाला है, और इसलिए मैंने सोचा कि मैं जाने से पहले आपसे बात कर लूं, इससे बेहतर क्या हो सकता है।”
- “बहुत से लोग कहते हैं कि प्रधानमंत्री के रूप में मैंने कुछ अच्छा काम किया है, या कोई और महान काम किया है। मन की बात के अनेक श्रोता उनके पत्रों में प्रशंसा की बौछार करते हैं। कुछ कहते हैं कि एक विशेष कार्य किया गया था। अन्य अच्छी तरह से किए गए कार्य का उल्लेख करते हैं”
- “अभी दो-तीन दिन पहले हमने देखा कि देश के पश्चिमी हिस्से में कितना बड़ा चक्रवात आया… तेज हवाएं, भारी बारिश। कच्छ में चक्रवाती तूफान बिपर्जोय ने भारी तबाही मचाई है। लेकिन कच्छ के लोगों ने जिस साहस और तैयारी के साथ इतने खतरनाक चक्रवात का मुकाबला किया, वह भी उतना ही अभूतपूर्व है”
- “कभी दो दशक पहले आए विनाशकारी भूकंप के बाद कच्छ को कभी न उबर पाने वाला कहा जाता था… आज वही जिला देश के सबसे तेजी से विकास करने वाले जिलों में से एक है। मुझे विश्वास है कि कच्छ के लोग बाइपरजॉय चक्रवात से हुई तबाही से तेजी से उभरेंगे”
- “प्राकृतिक आपदाओं पर किसी का नियंत्रण नहीं है, लेकिन आपदा प्रबंधन की जो ताकत भारत ने वर्षों में विकसित की है, वह आज मिसाल बन रही है। प्राकृतिक आपदाओं से मुकाबला करने का एक बड़ा तरीका है प्रकृति का संरक्षण। आजकल मानसून के समय में इस दिशा में हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है इसलिए आज देश ‘कैच द रेन’ जैसे सामूहिक प्रयास कर रहा है”
- “आखिरकार लोगों ने अपनी इस प्राकृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने का फैसला किया। लोगों के सामूहिक प्रयास से नीम नदी फिर से बहने लगी है। नदी के उद्गम स्थल, हेडवाटर को भी अमृत सरोवर के रूप में विकसित किया जा रहा है”
- “भारत ने संकल्प किया है 2025 तक टी.बी. मुक्त भारत बनाने का… लक्ष्य बहुत बड़ा ज़रूर है। एक समय था जब टी.बी. का पता चलने के बाद परिवार के लोग ही दूर हो जाते थे, लेकिन ये आज का समय है, जब टी.बी. के मरीज को परिवार का सदस्य बनाकर उनकी मदद की जा रही है”
- “भारत लोकतंत्र की जननी है। हम 25 जून को नहीं भूल सकते। जिस दिन आपातकाल लगाया गया था। यह भारत के इतिहास का एक काला काल था। लाखों लोगों ने अपनी पूरी ताकत से आपातकाल का विरोध किया। उस दौर में लोकतंत्र के समर्थकों पर इतना अत्याचार किया गया था कि आज भी मन कांप उठता है। आज जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हैं तो हमें ऐसे अपराधों को भी देखना चाहिए। यह युवा पीढ़ी को लोकतंत्र का अर्थ और महत्व सिखाएगा”
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