इंडिया न्यूज, श्रीनगर, (Maulvi Fayaz Amjadi On Kashmiri Hindu): जम्मू-कश्मीर के उलेमा और मजहबी नेता हिंदुओं की मदद करने के लिए आगे आए हैं। गौरतलब है कि आतंकी पिछले महीने से लगातार टारगेट किलिंग की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं और इसी को देखते हुए कश्मीर के उलेमा और मजहबी नेताओं ने कहा है कि अल्पसंख्यकों (हिंदुओं) की सुरक्षा करना स्थानीय मुसलमानों का कर्तव्य है। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग स्थित जामिया मस्जिद के मौलवी फैयाज अमजदी ने झुमे की नमाज के बाद कल कहा यह बात कही।
जम्मू कश्मीर के मुफ्ती-ए-आजम मुफ्ती नासिर उल इस्लाम ने भी कश्मीर में हिंदुओं की सुरक्षा करने में मदद करने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि अगर घाटी में कोई अल्पसंख्यक खुद को अनसेफ महसूस कर रहा हो तो स्थानीय मुसलमान उसे अपने घर में रखें। नासिर उल इस्लाम ने कहा, आम लोगों को टारगेट किलिंग के विरोध में एकजुट होकर आवाज उठानी होगी। उन्होंने कहा, हमें शरारती तत्वों को कश्मीर में नफरत व डर का वातावरण पैदा नहीं करने देना चाहिए।
नासिर उल इस्लाम ने झुमे की नमाज के बाद कल कहा कि कश्मीरी मुस्लिम कभी घाटी में अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं रहा है। उन्होंने कहा, सभी कश्मीरी हिंदू हमारे भाई हैं। उनके बिना जम्मू-कश्मीर अधूरा है। जम्मू कश्मीर के मुफ्ती-ए-आजम मुफ्ती ने कहा, कश्मीर में जब भी किसी निर्दाेष की हत्या हुई है, उन्होंने हमेशा इसकी निंदा की है। कश्मीरियों में आज एक-दूसरे के प्रति अविश्वास बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, लोग भेदभाव भूलकर आपस में भाईचारा बनाए रखें। कश्मीर में जो भी अल्पसंख्यक काम करने आए हैं, उनकी सेफ्टी की जिम्मेदारी स्थानीय लोगों की है। कश्मीरी मुस्लिमों को यह दायित्व निभाना होगा।
कश्मीर मामलों के विशेष बिलाल बशीर का कहना है कि अनंतनाग स्थित जामिया मस्जिद एक मजहबी व प्रभावशाली संस्था है और वहां से उठने वाली हर आवाज को हुक्म माना जाता है। बिलाल बशीर के मुताबिक कश्मीर के मुफ्ती-ए-आजम ने भी क्लियर कर दिया है कि अल्पसंख्यकों की सेफ्टी के लिए कश्मीरी मुस्लिमों को आगे आकर अपना दायित्व निभानी होगा। इस मुद्दे पर कल घाटी की लगभग हर मस्जिद में इस मसले पर खुतबा हुआ है। इससे साफ है कि कश्मीरी मुस्लिम खुद टारगेट किलिंग की वारदातों से दुखी हैं।
पिछ पांच अक्टूबर में कश्मीर में टारगेट किलिंग का सिलसिला शुरू हुआ था। पांच अक्टूबर 2021 को श्रीनगर में केमिस्ट एमएल बिंद्रू और सात अक्टूबर को एक टीचर दीपकर चंद व एक स्कूल की प्रिंसिपल सतिंदर कौर को आतंकियों ने मौत के घाट उतार दिया। अब इस साल पिछले महीने यानी इस मई में तो आतंकियों ने हदें पार कर दीं। मई में टारगेट किलिंग की 8 वारदातें सामने आने के बाद वहां से अधिकतर सरकारी कर्मचारी डरे सहमे हैं और वह घाटी से निकलना चाहते हैं।
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
ये भी पढ़े : मुठभेड़ में हिजबुल का टॉप कमांडर ढेर, 3 जवानो और 1 नागरिक घायल
ये भी पढ़े : कश्मीर से नहीं निकाले जाएंगे हिंदू, सुरक्षा के होंगे पुख्ता बंदोबस्त : अमित शाह
ये भी पढ़े : कश्मीर में टारगेट किलिंग से दहशत, 1990 के हालात बनते देख लगातार घाटी छोड़ रहे लोग
Connect With Us : Twitter | Facebook | Youtube
India News (इंडिया न्यूज),Delhi Election 2025: दिल्ली सरकार ने महिलाओं और बुजुर्गों के लिए कोई…
India News (इंडिया न्यूज), Christmas Celebration: राजधानी शिमला के प्रसिद्ध क्रिसेंट चर्च में क्रिसमस का…
India News (इंडिया न्यूज),Bangladesh:एक तरफ बांग्लादेश शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है,…
India News (इंडिया न्यूज़),Pilibhit News: पूरनपुर क्षेत्र में खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के तीन आतंकियों के…
Christmas 2024: आज 25 दिसंबर है। तमाम बॉलीवुड क्रिसमस के रंग में डूबा हुआ है। सितारे…
Tanush Kotian: रविचंद्रन अश्विन के संन्यास के बाद भारतीय टीम को बचे हुए दो टेस्ट…