India News (इंडिया न्यूज), CM Yogi: उत्तर प्रदेश के विभाजन को लेकर राजनीतिक हल्कों में अक्सर चर्चाओं का बाजार गर्म हो जाता है। अब इस विषय पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का रुख सामने आया है। आपको बता दें कि, यूपी के विभाजन के मामले पर सीएम योगी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उनका मानना है कि उत्तर प्रदेश की ताकत उसकी एकता में निहित है। एकजुट रहकर ही राज्य अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है। ज्ञात हो कि, 2011 में जब बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती मुख्यमंत्री थीं, तब यूपी विधानसभा ने राज्य को चार हिस्सों (अवध प्रदेश, पूर्वांचल, बुंदेलखंड और पश्चिम प्रदेश) में विभाजित करने का प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा था, जिसे केंद्र सरकार ने कई स्पष्टीकरण मांगते हुए वापस भेज दिया था।
सीएम योगी ने दी ये प्रतिक्रिया
प्रयागराज में सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी के विभाजन की बात का पुरजोर विरोध किया। उन्होंने कहा कि यूपी की ताकत, पहचान और सम्मान उसकी एकता में निहित है। यूपी अपने आप में यूपी है। यही इसकी क्षमता है। मुझे लगता है कि उत्तर प्रदेश को एकजुट रहकर ही अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना चाहिए। मुझे भी लगता है कि यहीं इसकी ताकत, पहचान और सम्मान निहित है। इससे पहले शनिवार (25 जनवरी, 2025) को अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ-योगी महासभा द्वारा महाकुंभ में आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि भारत सुरक्षित है तो हम सब सुरक्षित हैं। भारत सुरक्षित है तो हर संप्रदाय, हर संप्रदाय सुरक्षित है और अगर भारत पर कोई संकट आता है तो सनातन धर्म संकट में आ जाएगा।
सनातन धर्म को लेकर सीएम योगी ने क्या कहा?
सीएम योगी ने कहा कि, अगर सनातन धर्म संकट में है तो भारत में कोई भी संप्रदाय या संप्रदाय सुरक्षित महसूस नहीं करना चाहिए। वह संकट सभी पर आएगा, इसलिए संकट से बचने के लिए एकता का संदेश जरूरी है। सीएम योगी ने कहा कि सनातन धर्म एक विशाल वट वृक्ष है। इसकी तुलना किसी झाड़ी या झाड़ से नहीं की जानी चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि, दुनिया में और भी संप्रदाय हो सकते हैं, पूजा-पाठ की अलग-अलग पद्धतियां हो सकती हैं, लेकिन धर्म एक ही है और वह है सनातन धर्म। यह मानव धर्म है।
भारत में सभी पूजा पद्धतियाँ भले ही अलग-अलग सम्प्रदायों और संप्रदायों से जुड़ी हों, लेकिन उनकी श्रद्धा और आस्था सनातन धर्म से जुड़ी हुई है। इसलिए महाकुंभ के इस पावन अवसर पर हम सभी को दुनिया भर के लोगों को वही संदेश देना है, जिसके बारे में प्रधानमंत्री कहते हैं कि महाकुंभ का संदेश यही है कि एकता ही देश को एकजुट रखेगी।