India News (इंडिया न्यूज), MEA Slams American News Reports: भारतीय विदेश मंत्रालय ने 3 जनवरी, शुक्रवार को अमेरिकी मीडिया की उस रिपोर्ट की भरसक निंदा की और उसे खारिज कर दिया। बात यह है कि इस रपोर्ट में कहा गया था कि मालदीव के राष्ट्रपति को हटाने के लिए वहां के विपक्षी दल ने भारत से छह मिलियन अमेरिकी डॉलर मांगे थे। मीडिया ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने वाशिंगटन पोस्ट पर भारत के प्रति जबरदस्त दुश्मनी रखने का आरोप लगाया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ब्रीफिंग के दौरान कहा, “अखबार और रिपोर्टर दोनों में भारत के प्रति जबरदस्त दुश्मनी है। आप उनकी गतिविधि में एक पैटर्न देख सकते हैं। मैं उनकी विश्वसनीयता तय करने का काम आप पर छोड़ता हूं। जहां तक हमारा सवाल है, उनकी कोई विश्वसनीयता नहीं है।”
रणधीर जायसवाल की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने समुद्री सुरक्षा, व्यापार और निवेश पर चर्चा करने के लिए दिल्ली में अपने मालदीव के समकक्ष अब्दुल्ला खलील से मुलाकात की। ‘डेमोक्रेटिक रिन्यूअल इनिशिएटिव’ नामक आंतरिक दस्तावेज पर आधारित रिपोर्ट में कहा गया है कि विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ने मुइज्जू को हटाने के लिए भारत से 6 मिलियन अमेरिकी डॉलर मांगे थे।
विपक्ष ने मुइज्जू के महाभियोग के लिए वोट जुटाने के लिए उनकी पार्टी के कुछ सांसदों सहित लगभग 40 सांसदों को रिश्वत देने की योजना बनाई थी। हालांकि, योजना सफल नहीं हुई। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ जब मुइज्जू के मंत्रिमंडल के कुछ नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के बाद मालदीव के भारत के साथ संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। इंडिया आउट अभियान के आधार पर सत्ता में आए मुइज्जू ने भारत को देश से अपने सैनिकों को वापस बुलाने के लिए भी मजबूर किया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने वाशिंगटन पोस्ट की एक अन्य रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया, जिसमें भारत पर पाकिस्तान में गुप्त हत्या अभियान चलाने का आरोप लगाया गया था। मामले के विस्तृत विवरण में जाए बिना जायसवाल ने कहा, “जहां तक पाकिस्तान का सवाल है, मैं आपको हिलेरी क्लिंटन की कही बात याद दिलाना चाहूंगा, “आप अपने आंगन में सांप नहीं पाल सकते और उम्मीद नहीं कर सकते कि वे आपके पड़ोसियों को काटेंगे।”
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हिलेरी क्लिंटन ने यह टिप्पणी 2011 में की थी, जब वह 2011 में अमेरिकी विदेश मंत्री के तौर पर पाकिस्तान गई थीं। तत्कालीन पाकिस्तानी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार के साथ क्लिंटन ने अफगानिस्तान में हमलों के लिए जिम्मेदार हक्कानी नेटवर्क को खत्म करने और आतंकवादियों को खत्म करने के लिए पाकिस्तान से और सहयोग मांगा था।
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