इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Microplastics In Blood : दुनिया में पहली बार एक हैरान कर देना वाला मामला सामने आया है। जिसने विज्ञानिकों के भी होश उड़ा दिए हैं। पहली बार इंसान के खून के अंदर पहली बार माइक्रोप्लास्टिक पाया गया है। इससे पहले माइक्रोप्लास्टिक माउंट एवरेस्ट से लेकर सबसे गहरे समुद्र तक में पाए जा चुके हैं। विज्ञानिकों का मानना है कि माइक्रोप्लास्टिक मानवीय अंगों में जमा हो सकते हैं और एक जगह से दूसरी जगह जा सकते हैं।
माइक्रोप्लास्टिक का स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है?
विज्ञानिकों ने जांच में पाया कि ये छोटे-छोटे पार्टिकल्स 80 प्रतिशत लोगों में पाए गए हैं। ऐसा भी माना जा रहा है कि माइक्रोप्लास्टिक इंसान के शरीर में एक जगह से दूसरी जगह जा सकते हैं और मानवीय अंगों में जमा हो सकते हैं। हालांकि इसका इंसान के स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है, इसका अभी खुलासा नहीं हो पाया है। Microplastics In Blood
बता दें कि विज्ञानिकों ने 22 अज्ञात दानदाताओं से खून के सैंपल लिए थे जो सभी वयस्क थे। इनमें से 17 नमूनों में प्लास्टिक पाया गया है। इनमें से आधे सैंपलों के अंदर PET प्लास्टिक पाया गया जो ड्रिंक्स की बोतलों में इस्तेमाल किया जाता है।
इसके अलावा जांच के दौरान एक तिहाई लोगों में Polystyrene पाया गया जो फूड पैकेजिंग और अन्य प्राडक्ट में इस्तेमाल किया जाता है। एक चौथाई सैंपलों में Polystyrene पाया गया है जिससे प्लास्टिक के बैग बनाए जाते हैं।
आपको बता दें कि इस शोध के बारे में प्रोफेसर डिक वेथाक ने कहा है कि हमारा शोध पहला संकेत है कि हमारे खून के अंदर पालिमर के पार्टिकल हैं। यह एक महत्वपूर्ण खोज है। Microplastics In Blood
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