India News (इंडिया न्यूज), अजीत मेंदोला, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनावों में उम्मीद से कम सीट लाने वाले बीजेपी शासित राज्यों से जवाब—तलब शुरू कर दिया है। इसकी शुरूआत राजस्थान से की गई है। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली तलब किया। वे पूर्व निर्धारित प्री बजट छोड़कर दिल्ली पहुंचें। जहां करीब दो घंटे तक वे पीएम आवास पर ही रहे। सूत्रों का कहना है कि इस मौके पर केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र यादव भी मौजूद थे। यादव को पार्टी ने महाराष्ट्र का प्रभारी बनाया है। यादव राजस्थान के अलवर से चुनाव जीत लोकसभा पहुंचे है।
ऐसे में यह माना जा रहा है कि पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री शर्मा से हार की रिपोर्ट के साथ हारी हुई एक—एक सीट को लेकर विस्तृत जानकारी ली। राजस्थान प्रधानमंत्री मोदी के लिए इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि 6 महीने पहले ही उन्होंने पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को राज्य का मुख्यमंत्री बना बड़ा प्रयोग किया था। बीजेपी ने पिछले साल राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में पीएम मोदी को चेहरा बना चुनाव लड़ा था और तीनों राज्य जीते थे।
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उसी समय प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी नए चेहरों को सीएम बनाया था। इन दोनों प्रदेशों में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया। हालांकि यह बात अलग है कि राजस्थान में पार्टी को 11 सीटों का नुकसान हो गया। राजस्थान में हार की सबसे बड़ी वजह गुटबाजी, सरकार और संगठन में तालमेल का अभाव बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री शर्मा को कोई अनुभव नहीं होने से पार्टी को नुकसान हुआ। लोकसभा अध्यक्ष रहे ओम बिड़ला के करीबी होने का भी उन्हें लाभ नहीं मिला। बिड़ला अपने ही चुनाव में उलझ गए थे। सीएम के निजी स्टाफ भी अपने तक ही सीमित रहा। मीडिया प्रबंधन में भी तालमेल का अभाव रहा। सीएम ने तो आज अपनी रिपोर्ट दे दी।बाकी संगठन और दिल्ली के नेता जिन्हें राजस्थान की जिम्मेदारी दी गई थी, वह भी अपनी रिपोर्ट देंगे। संघ अपने तरीके से हार के कारणों का पता लगा रहा है।
सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री मोदी जल्द ही उत्तर प्रदेश, हरियाणा को लेकर भी मुख्यमंत्रियों और नेताओं को तलब कर पूछताछ कर सकते है। हालांकि पीएम मोदी मंगलवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी जा रहे हैं। ऐसे में संभव है कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अलग से चर्चा करें। इस बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत भी गोरखपुर के दौरे पर हैं। ऐसी खबरें थी कि भागवत सीएम योगी से मुलाकात कर सकते हैं। दोनों की मुलाकात हुई या नहीं, इसे लेकर अलग—अलग चर्चाएं चल रही है। कुछ का कहना है कि मुलाकात हुई और कुछ का कहना है कि कोई मुलाकात नहीं हुई। संघ प्रमुख भी उत्तर प्रदेश की हार का आंकलन अपने हिसाब से कर रहे हैं। इस बीच सोमवार को ही हरियाणा के नेताओं की दिल्ली में एक बैठक हुई। जिसमें मुख्यमंत्री नायब सैनी और सभी प्रमुख नेता शामिल हुए।
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दरअसल, बीजेपी को उत्तर प्रदेश में पिछली बार के मुकाबले 29 और राजस्थान में 11 सीट का नुकसान हुआ है। इन राज्यों में ही बीजेपी अपना 2019 वाला प्रदर्शन दोहरा देती तो बीजेपी को अपने दम पर बहुमत मिल जाता। इन दोनों राज्यों में 40 सीट का बीजेपी को नुकसान हुआ। इसी तरह हरियाणा की 5 सीट जोड़ दी जाएं तो नुकसान 45 का होता है। अभी बीजेपी की 240 सीट आई है। इन तीनों राज्यों में बीजेपी 2019 वाला प्रदर्शन नहीं दोहरा पाई और बहुमत से चूक गई। ये तीनों राज्य ठीक—ठाक प्रदर्शन करते तो महाराष्ट्र का नुकसान फिर बीजेपी को बड़ा नहीं दिखाई देता। बीजेपी 285 तक पहुंच जाती। अब पीएम मोदी, संघ और बीजेपी इसी बात का पता लगाने में जुटी है कि क्या आरक्षण की वजह से हारे या फिर भीतरघात ने हिंदी बेल्ट में 45 सीटों का नुकसान पहुंचाया।
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