इंडिया न्यूज, Monkeypox in India: केरल ने गुरुवार (14 जुलाई) को भारत के पहले मंकीपॉक्स वायरस के मामले की पुष्टि की। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे में व्यक्ति के नमूने के सकारात्मक परीक्षण के बाद पहला मंकीपॉक्स मामला सामने आया था। इससे पहले दिन में, केरल के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि उस व्यक्ति में वायरस के लक्षण थे और वह विदेश में एक रोगी के निकट संपर्क में था।
देश में पहले पुष्ट मामले के बाद, केरल के पांच जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है क्योंकि संक्रमित व्यक्ति के सह-यात्री इन क्षेत्रों से थे। केरल के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि उनके साथ यात्रा करने वाले लोगों में से किसी में भी अभी तक लक्षण विकसित नहीं हुए हैं।
अमेरिका के सीडीसी मुताबिक, यह एक दुर्लभ बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण के कारण होती है। यह ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से संबंधित है जिसमें वेरियोला वायरस (जो चेचक का कारण बनता है), वैक्सीनिया वायरस (चेचक के टीके में प्रयुक्त), और काउपॉक्स वायरस शामिल हैं। अभी तक यह साफ नहीं हो पा रहा है कि इस वायरस का होस्ट कौन है, लेकिन अफ्रीकन रोडेंट और बंदर को इसके संचरण और संक्रमण का कारण माना जाता है।
गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सम्बंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर मंकीपॉक्स सम्बंधित गाइडलाइन्स पालन करने की अपील की है ताकि देश में कोरोना का खतरा टला नहीं और अब मंकीपॉक्स का खतरा मंडराने लगा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिशा-निर्देश में कहा है कि “सभी संदिग्धों की निगरानी और उनकी टेस्टिंग की जानी चाहिए।
इसके अलावा बेहतर सर्विलांस की व्यवस्था होनी चाहिए। संक्रमित व संदिग्ध मरीज को आइसोलेशन में रखना होगा। इतना ही नहीं, मंकीपॉक्स से पीड़ित मरीज के समय पर बेहतर इलाज की व्यवस्था होनी चाहिए।” हालांकि, इस बीमारी के लक्षण 6 से 13 दिन दिखने लगते हैं। वैसे तो ये वायरस स्मॉलपॉक्स की तरह गम्भीर नहीं है। लेकिन, इसका अबतक कोई इलाज उपलब्ध नहीं है।
WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, 1 जनवरी 2022 से 22 जून 2022 तक करीब 6 महीने में 50 देशों को अपनी चपेट में ले चुका है और 3413 मरीज़ों की पुष्टि 1 मरीज की मौत हो चुकी है। इनमें से ज्यादातर मामले यानी 88% यूरोपीयन रीजन्स और 11 % अमेरिकन रीजन्स में पाए गए हैं। 12 जुलाई तक 63 देशों में मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित 9,200 मरीज़ों की पुष्टि हो चुकी है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंकीपॉक्स रोग के प्रबंधन के लिए शुक्रवार को नए दिशानिर्देश जारी किए गए थे । मंत्रालय ने आम जनता के लिए बीमारी के विरोधाभास से बचने के लिए कुछ बिंदुओं को सूचीबद्ध किया जिसमें बीमार लोगों के संपर्क से बचना और मृत या जंगली जानवरों (कृन्तकों, बंदरों) के संपर्क से बचना शामिल था। आम जनता को यह भी सलाह दी गई है कि यदि कोई व्यक्ति मंकीपॉक्स से प्रभावित व्यक्ति या जानवरों के साथ निकट संपर्क में आता है तो वह नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाए। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने शुक्रवार को एक माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट पर देश भर में 15 वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरीज के बारे में जानकारी दी।
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