• टीएमसी की सांसद ने बनाई चाय, डीएमके ने तैयार किया नाश्ता

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
मानसून सत्र के दौरान हंगामा करने को लेकर संसद से निलंबित किए गए विपक्ष के सांसद कल रात से गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे रहे। उन्होंने 50 घंटे तक धरना प्रदर्शन का ऐलान किया है। गौरतलब है कि सदन के अंदर हंगामे के साथ अभद्र व्यवहार करने के चलते अलग-अलग पार्टियों के 24 सांसदों को सत्र से निलंबित किया गया है। इनमें से कांग्रेस के चार सांसदों को पूरे सत्र के लिए और अन्य को इस सप्ताह के लिए सस्पेंड किया गया है।

कल दोपहर तक चलेगा धरना, मच्छर का वीडियो किया ट्वीट

राज्यसभा से सस्पेंड किए गए इन सांसदों का धरना प्रदर्शन कल दोपहर एक बजे तक चलेगा। उन्हें इस लंबे धरने की अनुमति भी मिल गई है। सांसद बारी-बारी से धरने पर बैठ रहे हैं। कल राहत धरने में मौजूद सांसदों को मच्छरों ने काटा, जिसे लेकर कांग्रेस के निलंबित सांसद मनिकम टैगोर ने एक सांसद के हाथ पर बैठे मच्छर का वीडियो ट्वीट कर कहा, संसद परिसर में मच्छर हैं, पर विपक्षी सांसद डरते नहीं हैं। उन्होंने यह भी लिखा कि मनसुख मंडाविया जी प्लीज संसद में भारतीयों का ब्लड बचाइए।

सांसद मौसम नूर ने बनाई सुबह की चाय

टीएमसी की निलंबित राज्यसभा सांसद मौसम नूर ने आज सुबह की चाय बनाई। वह छह बजे धरने पर बैठे सांसदों के लिए चाय लेकर पहुंची। ं अन्य सदस्यों के साथ मौसम नूर को तस्वीर में चाय पीते हुए देखा गया। डीएमके की तरफ से सुबह आठ बजे नाश्ता लाया गया। वहीं समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव 10 बजे एकजुटता दिखाने के लिए आए।

कल सुबह 11 बजे से धरने पर बैठे हैं सांसद, फूड रोस्टर बनाया

धरने पर बैठे सांसदों में आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, टीएमसी से शांतनु सेन और डेरेक, सीपीआई से संदोश कुमार व टीआरएस से रविचंद्र वद्दीराजू और एक डीएमके के सांसद शामिल हैं। आज रिले रोस्टर के हिसाब से दूसरे सांसद धरने में शामिल होंगे। बता दें कि कल सुबह 11 बजे से ये सांसद धरने पर बैठे हैं। सांसदों ने दही-चावल से लेकर हलवे तक का फूट रोस्टर बनाया है।

सांसदों ने स्पीकर से की ये मांगें

विरोध कर रहे सांसदों ने पूरी रात एक वॉशरूम खुला रखने के साथ अपनी कारों को परिसर में आने व छोड़ने की इजाजत देने की स्पीकर से मांग की है। इसके अलावा उन्होंने विरोध स्थल पर एक छोटा टैंट लगाने की भी अनुमति मांगी है। जानकारी के अनुसार स्पीकर इन मांगों पर विचार के लिए तैयार हो गए हैं।