India News (इंडिया न्यूज), Muharram 2024: बिहार में हिंदू-मुस्लिम एकता को लेकर कई ऐसे मामले हैं जो अक्सर सामने आते रहते हैं, जो दिल को छू जाते हैं। आपको बता दें कि यहां के एक गांव के लोग 100 साल पहले अपने पूर्वजों द्वारा किए गए वादे के लिए हर साल मोहर्रम मनाते हैं। इस परंपरा को आज भी कायम रखा गया है। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है तो चलिए आपको बताते हैं इसके पीछे की क्या कहानी है।
- 100 वर्षों से लगातार मोहर्रम मना रहे
- 100 साल पहले किया ऐसा वादा
- बिहार के इस गांव में हिंदू मनाते हैं मोहर्रम
100 वर्षों से लगातार मोहर्रम मना रहे
आपको बता दें कि इस गांव में हिंदू समुदाय के लोग 100 सालों से लगातार मोहर्रम मनाते आ रहे हैं। लोग यह जानकर और अचंभित हो जाते हैं कि यहां गांव के पांच किलोमीटर के दायरे में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है, लेकिन फिर भी गांव के लोग हर साल मुहर्रम मनाते हैं। इसकी चर्चा ना केवल पूरे बिहार में बल्कि पूरे देश में होती रही है।
100 साल पहले किया ऐसा वादा
कटिहार जिले के हसनपुर प्रखंड के मोहम्मदिया हरिपुर गांव में यह नजारा देखने को मिलता है। पूरा गांव 100 साल पहले पूर्वजों द्वारा किए गए एक वादे को अब तक निभा रहा है। लोग कहते हैं कि 100 साल पहले गांव के पूर्वजों ने वादा किया था कि मोहर्रम के दौरान पूरे गांव के लोग पूरे रीति-रिवाज के साथ मोहर्रम का मनाएंगे। आज पूरा मोहम्मदिया हरिपुर गांव इस वादे को निभा रहा है। कहानी के अनुसार इस गांव की जमीन वकील मियां की थी। जिनके बेटों की बीमारी से मौत हो गई। वह अपनी जमीन को छोड़ कर गांव से जा रहे थे। जाने से पहले उन्होनें एक ऐसा काम किया जिससे किसी को कल्पना भी नहीं थी। उन्होनें ने एक वादा पर अपनी सारी जमीन उसी गांव के छेदी शाह को दे दी । वादा लिया था कि इस गांव के लोग मुहर्रम पूरे रीति-रिवाज के साथ मनाएंगे। तभी से यहां लोग मुहर्रम मनाने लगे हैं।
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