इंडिया न्यूज,उत्तर प्रदेश,(Mulayam Singh Yadav won from Mainpuri for the fifth time) : 2014 में आई मोदी सुनामी के दौरान जाने कई ऐसे किले ढह गए थे जो उन नेताओं का गढ़ होता था । लेकिन मोदी की यह सुनामी मैनपुरी से सियासत की कुश्ती में चार बार पहले जीत हासिल कर चुके मुलायम को 2014 में पांचवी बार भी ढहा नहीं सकी । वहां से उन्होंने लगातार भारी मतों से पांचवी बार जीत दर्ज की इसके साथ ही मैनपुरी में सपा की यह लगातार नौवीं लोकसभा जीत बन गई। वहीं इस बीच,चंद्रशेखर से भी मतभेदों के कारण उन्हें नई पार्टी बनानी पड़ी। मुलायम की नाराजगी के कारण तत्कालीन संचार मंत्री जनेश्वर मिश्र ने चंद्रशेखर के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। जनेश्वर छोटे लोहिया के नाम से जाने जाते थे। मुलायम से नजदीकियों के लिए भी। इस बीच राजीव की मृत्यु के बाद चंद्रशेखर तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव के करीब हो गए।
राव के हिमायती चंद्रशेखर अकेले पड़ गए। मुलायम ने अपना अलग रास्ता ढूंढ़ने का फैसला किया। लखनऊ के दारुलशफा स्थित भगवती सिंह के विधायक आवास पर जाकर साथियों के साथ लंबी बैठकें करते और भविष्य की रूपरेखा तैयार करते। मुलायम को साथियों ने डराया-अकेले पार्टी बनाना आसान नहीं है। बन भी गई तो चलाना आसान नहीं होगा,पर मुलायम अपने फैसले पर अडिग रहे। उनका मानना था कि भीड़ हम उन्हें जुटाकर देते हैं और पैसा भी। फिर भी देवीलाल, चंद्रशेखर, वीपी सिंह हमें बताते हैं कि क्या करना है, क्या बोलना है। हम अपना रास्ता खुद बनाएंगे।
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