India News (इंडिया न्यूज), Muslim Divorce Laws: उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि एक मुस्लिम महिला तलाक के बाद अपने पति से गुजारा भत्ता मांग सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने आज ये फैसला सुनाया है। जानकारी के अनुसार अदलात के अनुसार तलाकशुदा मुस्लिम महिला अपने पति से गुजारा भत्ता मांग सकती है। जी हां ये फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया है। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही थी।

जिसमें एक मुस्लिम व्यक्ति की याचिका को खारिज कर दिया। जान लें कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के तहत अपनी तलाकशुदा पत्नी को गुजारा भत्ता देने के निर्देश को चुनौती दी गई थी।

  • मुस्लिम महिलाएं तलाक पर गुजारा भत्ता पाने की हकदार
  • सभी विवाहित महिलाओं पर लागू
  • सुप्रीम कोर्ट को फैसला

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सभी विवाहित महिलाओं पर लागू

पीठ ने स्पष्ट किया कि भरण-पोषण मांगने का कानून सभी विवाहित महिलाओं पर लागू होता है, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। न्यायालय ने कहा कि भरण-पोषण दान नहीं है, बल्कि विवाहित महिलाओं का अधिकार है। न्यायमूर्ति नागरत्ना ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, “कुछ पति इस तथ्य से अवगत नहीं हैं कि पत्नी, जो एक गृहिणी है, भावनात्मक रूप से और अन्य तरीकों से उन पर निर्भर है। समय आ गया है जब भारतीय पुरुष को एक गृहिणी की भूमिका और त्याग को पहचानना चाहिए।”

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