India News (इंडिया न्यूज), Ram Mandir: लोकसभा चुनाव के कुछ दिनों पहले राम मंदिर का उद्घाटन किया गया। हालांकि प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले विपक्षी पार्टियों द्वारा जमकर बयानबाजी की गई। मंदिर के उद्घाटन को नियमानुकूल नहीं बताया गया। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इसे ऐतिहासिक जीत बताई। अब एक बार फिर मंदिर को लेकर नया विवाद शुरु हो गया है। महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की एक टिप्पणी ने नए विवाद को जन्म दिया है। उन्होंने कहा कि इंडिया ब्लॉक के सत्ता में आने के बाद चार शंकराचार्यों द्वारा राम मंदिर का शुद्धिकरण किया जाएगा।

मंदिर में राम दरबार होगा स्थापित

नाना पटोले ने कहा कि पीएम मोदी ने मंदिर निर्माण में प्रोटोकॉल के खिलाफ काम किया और भारत सरकार उसे सुधारेगी। उन्होंने कहा कि मंदिर में राम दरबार स्थापित किया जाएगा। उन्होंने अपनी बात पर सफाई देते हुए कहा कि यह वह नहीं है जो मैं कह रहा हूं। चार शंकराचार्यों ने यह कहा था कि उचित अनुष्ठानों का पालन नहीं किया गया था। हम जो कह रहे हैं वह यह है कि हम शंकराचार्यों ने जो कहा है उसके अनुसार करेंगे। हमारे सनातन धर्म में  जब कोई अंदर आता है तो हम अपना सिर मुंडवा लेते हैं। परिवार खत्म हो गया लेकिन नरेंद्र मोदी ने ऐसा नहीं किया। बता दें कि कांग्रेस 22 जनवरी को आयोजित राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह में यह कहकर शामिल नहीं हुई कि मंदिर का निर्माण पूरा नहीं हुआ है।

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अधूरे मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा

बता दें कि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने से पहले पीएम मोदी ने 11 दिनों का एक विशेष अनुष्ठान किया। जिसके दौरान वह फर्श पर सोए और केवल फल और नारियल पानी पीते रहें। इससे पहले पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के कालाराम मंदिर, आंध्र प्रदेश के वीरभद्र मंदिर, केरल के गुरुवयूर मंदिर और त्रिप्रयार श्री रामास्वामी मंदिर और तमिलनाडु के रंगनाथस्वामी मंदिर में भी पूजा किया था। यह विवाद तब खड़ा हुआ जब उत्तराखंड के शंकराचार्य ने राम मंदिर को अधूरा बताया। उन्होंने कहा कि मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा अधूरे मंदिर में नहीं की जानी चाहिए।