India News (इंडिया न्यूज) नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत मंडपम के दो दिवसीय अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया। जहा पर उन्होने पीएम श्री योजना के तहत 6207 स्कूलों को धनराशि की पहली किस्त जारी की और 12 भारतीय भाषाओं से अनुवादित शिक्षा और कौशल पाठ्यक्रम की पुस्तकें दी। साथ ही पीएम मोदी ने कहां 5G के युग में, PM-SHRI स्कूल आधुनिक शिक्षा का माध्यम होंगे।
21वीं सदी का भारत जिन लक्ष्यों को लेकर आगे बढ़ रहा है, उनमें हमारी शिक्षा प्रणाली की बहुत बड़ी भूमिका है। वही उन्होने कहां की शिक्षा में समानता का अर्थ है कि किसी भी स्थान, वर्ग या क्षेत्र के बच्चे शिक्षा से वंचित न रहे। हमे अमृत काल के अगले 25 वर्षों में एक ऊर्जावान नई पीढ़ी का निर्माण करना है। जो गुलामी की मानसिकता से मुक्त, नवप्रवर्तन के लिए उत्सुक और कर्तव्य बोध से भरी हुई पीढ़ी होगी।
मातृभाषा में शिक्षा, भारत में छात्रों के लिए न्याय के एक नए रूप की शुरुआत कर रही है। यह सामाजिक न्याय की दिशा में भी एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है
“ज़ांज़ीबार और अबू धाबी में आईआईटी परिसर खोले गए है। कई अन्य देश भी हमसे अपने यहां आईआईटी कैंपस खोलने का आग्रह कर रहे हैं।
इसके आलावा पीएम मोदी ने पिछली सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, इनलोगों ने अंग्रेजी को तव्वजो दिया और भारतीय भाषाओं को पिछड़ा समझा। उन्होंने ने कहा कि मैं UN में भी भारतीय भाषा में बोलता हूं भले ही, ताली देर से बजती है। प्रधानमंत्री ने भारत को ज्ञान केंद्र बनाने में एनईपी की भूमिका को स्वीकार किया।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री, श्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा लिखित “एक बार फिर, एक ज्ञान केंद्र” शीर्षक से एक लेख साझा किया है।
“राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तीसरी वर्षगांठ पर, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान लिखते हैं कि यह नीति कैसे भारत की उभरती प्रौद्योगिकियों का केंद्र बनाने के लिए तैयार है।”
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