इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:

National Governance Day 2021 हर वर्ष की तरह इस बार भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में आज देशभर में राष्ट्रीय सुशासन दिवस (National Governance Day ) मनाया जाएगा। दरअसल 25 दिसंबर को वाजपेयी जी का जन्म दिवस होता है और भारत सरकार ने उन्हें आदर व सम्मान देने के मकसद से वर्ष 2014 में इस दिन को सुशासन दिवस घोषित किया था। संयोग से भारत में सुशासन दिवस की घोषणा क्रिसमस उत्सव (एक राजपत्रित अवकाश) से मेल खाती है, हालांकि सुशासन दिवस पर कार्यालयों में पूरे दिन काम करने की घोषणा की गई है।

वाजपेयी जी का 90 वां जन्मदिन था जब पहली बार दिवस की घोषणा की गई (National Governance Day 2021)

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का 90 वां जन्मदिन था जब पहली बार 23 दिसंबर 2014 को वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय (मरणोपरांत) को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई थी। इसके बाद, ई-गवर्नेंस के माध्यम से केंद्र की मोदी सरकार ने घोषणा की थी कि वाजपेयी की जयंती को भारत में प्रतिवर्ष सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाएगा। ये एक कार्यक्रम है जो सभी सरकारी अधिकारियों को बैठक और संचार के लिए आमंत्रित करके बाद में मुख्य समारोह में शामिल होकर मनाया जाता है।

जानिए क्या है सुशासन दिवस मनाने का उद्देश्य (National Governance Day 2021)

सुशासन दिवस मनाने के और भी कई मकसद हैं। इन मकसदों में सरकारी प्रक्रिया को व्यवहारिक बनाकर देश में एक खुला और जवाबदेह प्रशासन प्रदान करना, देश में एक पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन मुहैया कराने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में लोगों को जागरूक बनाना।

भारत में आम नागरिकों के कल्याण और उनकी भलाई को बढ़ाना, सरकार के कामकाज के मानकीकरण के साथ-साथ भारतीयों के लिए एक अत्यधिक प्रभावी और जवाबदेह शासन बनाना आदि शामिल हैं। भारत में सुशासन के एक मिशन को पूरा करने के लिए अच्छी और प्रभावी नीतियों को लागू करने के लिए भी सुशासन दिवस मनाया जाता है। इस दिवस के जरिये देश में वृद्धि और विकास को बढ़ाने के तौर तरीके तलाशे जाते हैं। इसके अलावा नागरिकों को सरकार के करीब लाकर सुशासन की प्रक्रिया में उन्हें सक्रिय भागीदार बनाना भी सुशासन दिवस का मकसद है।

देश के 10वें प्रधानमंत्री रहे हैं वाजपेयी (National Governance Day 2021)

भारत के 10वें प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी एक भारतीय राजनीतिज्ञ और असाधारण लेखक थे, एक उन्होंने कहा था, एक दिन आप एक पूर्व प्रधान मंत्री बन सकते हैं, लेकिन आप कभी पूर्व-कवि नहीं बन सकेंगे।

सुशासन दिवस पर लोग अटल विहारी वाजपेयी को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। इस दिन उन्हें याद कर उनके द्वारा किए गए कामों की चर्चा होती है। अलग-अलग जगहों पर सेमिनार आयोजित करके लोग पूर्व पीएम के कामों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं और लेते हैं हैं। गौरतलब है कि साल 2018 में पूर्व पीएम का निधन हो गया था।

शिक्षण संस्थानों में होते हैं कई कार्यक्रम (National Governance Day 2021)

सुशासन दिवस के ऐलान के बाद वर्ष 2014 में ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) द्वारा सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शिक्षण संस्थानों को विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करके सुशासन दिवस को मनाने का संदेश भेजा गया। इस अवसर पर स्कूलों और कॉलेजों के विद्यार्थी कई गतिविधियों में भाग लेते हैं। शिक्षण संस्थानों में निबंध लेखन प्रतियोगिता, वाद-विवाद, समूह चर्चा, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता और खेल आदि का अयोजन किया जाता है।

(National Governance Day 2021)

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