India News (इंडिया न्यूज) National Herald case: नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी, राहुल गांधी और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा मुश्किल में फंस सकते हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल आरोप पत्र में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और अन्य का भी नाम है। कोर्ट इस मामले की सुनवाई 25 अप्रैल को करेगा।
बता दें, मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है, जिसमें सांसद राहुल गांधी, सोनिया गांधी और ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा समेत कांग्रेस के जाने-माने नेताओं को आरोपी बनाया गया है। इन हाई-प्रोफाइल नामों के साथ ही सुमन दुबे समेत अन्य लोगों के नाम भी चार्जशीट में दर्ज किए गए हैं, जिसकी कार्यवाही 25 अप्रैल से शुरू होने वाली है। यह मामला यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के अधिग्रहण से जुड़े वित्तीय कदाचार के आरोपों से जुड़ा है।
आपको बता दें कि नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस 2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर एक याचिका से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर YIL के माध्यम से AJL का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। स्वामी के आरोपों से एक ऐसी योजना पर प्रकाश पड़ता है जिसका कथित उद्देश्य दिल्ली में 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति हेराल्ड हाउस को जब्त करना था, जो AJL के अधिकारों को YIL को हस्तांतरित करने के जानबूझकर किए गए प्रयास से संबंधित है।
यह विवाद नेशनल हेराल्ड अखबार के इर्द-गिर्द घूमता है, जिसकी स्थापना 1938 में जवाहरलाल नेहरू और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने AJL को अपनी मूल कंपनी बनाकर की थी। कांग्रेस पार्टी ने 2011 में AJL की 90 करोड़ रुपये की देनदारियों को अपने ऊपर ले लिया और 5 लाख रुपये के शुरुआती फंड के साथ YIL का गठन किया। सोनिया और राहुल गांधी के पास YIL में 38-38% हिस्सेदारी थी।
इस व्यवस्था के तहत, कांग्रेस पार्टी के कर्ज का निपटान करने के बदले में AJL के नौ करोड़ शेयर YIL को हस्तांतरित किए गए, जिससे उसे 99% स्वामित्व प्राप्त हुआ। कांग्रेस द्वारा 90 करोड़ रुपये का कर्ज माफ करने के बाद, इसने YIL को बिना किसी लागत के AJL पर नियंत्रण दे दिया।
2015 में सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी को हाई कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग करने का निर्देश दिया, जिसके परिणामस्वरूप उसी साल बाद में सोनिया और राहुल गांधी को ट्रायल कोर्ट से जमानत मिल गई। इन घटनाक्रमों के बावजूद, 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया और आरोपियों को अदालत में पेश होने से छूट दे दी।
ईडी के आरोप के अनुसार, वाईआईएल के माध्यम से एजेएल की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अवैध रूप से हड़पी गई, जिसमें 988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग भी शामिल है। जांच से पता चला कि एजेएल के पास पूरे भारत में 661.69 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है, जिसके बारे में माना जाता है कि इसे आपराधिक आय से अर्जित किया गया है। वाईआईएल के पास कथित तौर पर एजेएल में 90.21 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर हैं।