India News (इंडिया न्यूज)National Herald: नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने चार्जशीट दाखिल की है। इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और अन्य के नाम हैं। यह मामला एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है, जिसमें 25 अप्रैल को सुनवाई होगी। ईडी की इस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है और इसे पीएम और गृह मंत्री की बदले की राजनीति करार दिया। साथ ही कहा है कि कांग्रेस इसके खिलाफ चुप नहीं बैठने वाली है।
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने एक पोस्ट में कहा, नेशनल हेराल्ड की संपत्ति जब्त करना कानून के राज की आड़ में राज्य प्रायोजित अपराध है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कुछ अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करना बदले की भावना की राजनीति और प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा डराने की कोशिश के अलावा कुछ नहीं है। कांग्रेस और उसका नेतृत्व चुप नहीं बैठने वाला है।
सूत्रों का कहना है कि ईडी की कार्रवाई के बाद कांग्रेस अब कानूनी सलाह ले रही है। वकीलों से सलाह लेने के बाद वह आधिकारिक तौर पर अपना पक्ष रखेगी। मालूम हो कि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, सोनिया गांधी और कांग्रेस ओवरसीज चीफ सैम पित्रोदा के खिलाफ दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में अभियोजन शिकायत दर्ज कराई है। चार्जशीट में सुमन दुबे और अन्य का भी नाम है।
प्रवर्तन निदेशालय यानी (ED) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडिया लिमिटेड की तकरीबन 751.9 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।
यह जब्ती दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में की गई है, जहां ईडी ने दोनों संगठनों की संपत्तियों को अपराध से अर्जित आय बताकर जब्त किया है।
इस मामले की जांच दिल्ली के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद 2014 में शुरू हुई थी। ईडी ने पीएमएलए के तहत कार्रवाई शुरू की थी।
इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, ऑस्कर फर्नांडिस, मोतीलाल वोरा और सुमन दुबे को आरोपी बनाया गया है। ईडी पहले ही सोनिया और राहुल गांधी से पूछताछ कर चुकी है।
ईडी की जांच में पता चला है कि यंग इंडिया के जरिए एजेएल की सैकड़ों करोड़ की संपत्ति अवैध तरीके से अपने कब्जे में ली गई। आरोप है कि यह सब एक आपराधिक साजिश के तहत किया गया, जिसमें कांग्रेस पार्टी द्वारा एजेएल को दिया गया 90.21 करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया गया और संपत्तियों को महज 50 लाख रुपये में एक नई कंपनी यंग इंडिया को ट्रांसफर कर दिया गया।
अखबार प्रकाशित करने के लिए एजेएल को कथित तौर पर देशभर में रियायती दरों पर जमीन दी गई थी, लेकिन 2008 में जब एजेएल ने प्रकाशन बंद कर दिया तो उसने इन संपत्तियों का व्यावसायिक इस्तेमाल शुरू कर दिया। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने कर्ज माफ कर दिया और एजेएल की संपत्तियों को यंग इंडिया को ट्रांसफर कर दिया। फिर यंग इंडिया के शेयर गांधी परिवार और उनके करीबी लोगों को सौंप दिए गए, जिससे अप्रत्यक्ष रूप से गांधी परिवार को इन संपत्तियों पर नियंत्रण मिल गया।